नए कृषि कानूनों को लेकर देश की सियासत में हलचलें काफी तेज है। विपक्षी नेता किसान आंदोलन को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता इन दिनों नए कृषि कानूनों के विरोध में देश के कई हिस्सों में जनसभा और महापंचायतों को संबोधित कर रहे हैं।
पिछले दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड़ से सांसद राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित किया और किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) खुद टैक्ट्रर चलाते दिखाई दिए थे। जिसे लेकर अब बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला है।
केंद्रीय मंत्री का पूरा बयान
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी का कहना है कि राहुल ट्रैक्टर पर बैठकर एक अभिनेता बनने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर वह APMC के पक्ष में हैं, तो केरल में APMC क्यों नहीं है? पंजाब में कांग्रेस की सरकार कानून लेकर आई है, जिसके तहत सवाल करने वाले किसानों को जेल भेजा जा सकता है।‘
प्रहलाद जोशी ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए सवाल किया कि वे लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं या पाखंड में। उन्होंने कहा, ‘वामपंथियों का पाखंड यह है कि वे दिल्ली, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं। वे (कांग्रेस और वामपंथी) पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु में भी दोस्त हैं। कांग्रेस केरल में पोलित ब्यूरो पर विश्वास नहीं करना चाहती हैं लेकिन पश्चिम बंगाल में करती हैं।‘
केंद्रीय मंत्री ने पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार गिरने पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में विश्वास न होने की वजह से पुडुचेरी में कांग्रेस अपनी सरकार गंवा चुकी है। उनका कहना है कि राहुल गांधी अपनी स्थिति साफ करें, अगर वे MSP के इतने ज्यादा समर्थन में हैं तो केरल में APMC क्यों नहीं है?’
200 से ज्यादा किसानों की हो चुकी है मौत
बता दें, देश के कई राज्यों में आने वाले कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसे लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) काफी समय से केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
अपनी रैलियों और जनसभाओं में भी वह लगातार इन कानूनों में खामियां बता रहे हैं और इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। गौरतलब है कि इस कानून के विरोध में दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान लगभग 3 महीनें से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। अभी तक 200 से ज्यादा किसानों के मौत की खबर भी सामने आई है।
किसान और सरकार के बीच 11 दौरे की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक किसी भी तरह का कोई समाधान नहीं निकल पाया है। किसान लगातार इस कानून को रद्द करने और MSP पर कानून बनाने की मांग पर अड़े हैं।