लगाई जा रही Corona Vaccine असली है या फिर नकली? सरकार ने बताया, कैसे करें इसकी पहचान

By Ruchi Mehra | Posted on 5th Sep 2021 | देश
corona vaccine, central government

कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को बीते डेढ़-दो सालों से अस्त व्यस्त करके रख दिया। दुनियाभर में करोड़ों लोग अब तक इस वायरस की चपेट में आए और बड़ी संख्या में मौतें भी हुई। इस दौरान आम जनजीवन पूरी तरह से पटरी पर से उतर गया। ये ऐसी भयंकर आपदा बनकर दुनिया के सामने आई, जिसका पहले कभी किसी ने सामना नहीं किया। वहीं अब लोग इस वायरस के साथ ही अपनी जिंदगी जीते नजर आ रहे हैं। 

हालांकि इस बीच सबसे बड़ी राहत की बात ये है कि कोरोना महामारी का सबसे बड़ा हथियार यानी वैक्सीन हमारे पास मौजूद है। वैक्सीन ही वो एक मात्र सहारा है, जिससे कोरोना महामारी के खतरे को टाला जा सकता है। यही वजह है कि सभी देश तेजी से अपने यहां टीकाकरण अभियान चलाते नजर आ रहे हैं। 

नकली वैक्सीन लगाने की भी आ रही खबरें

वहीं इस दौरान ऐसे भी कुछ लोग है जो इस आपदा का फायदा उठाने की कोशिश में है। यही वजह है कि नकली वैक्सीन भी मार्केट में आ रही है। तेजी से जारी टीकाकरण अभियान के बीच ऐसी खबरें भी सुनने को मिल रही है कि कई जगहों पर फर्जी टीके लगाए जा रहे है। 

सिर्फ भारत ही नहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी फर्जी टीकों के कारोबार का खुलासा हुआ। हाल ही में दक्षिणपूर्वी एशिया और अफ्रीका में नकली कोविशील्ड पाई गई। इसके बाद WHO ने नकली टीकों को लेकर सचेत किया। वहीं इस बीच असली और नकली वैक्सीन का पता लगाने के लिए अब केंद्र सरकार ने भी कुछ कदम उठाएं हैं। केंद्र ने राज्यों को ऐसे कई मानक बताएं हैं, जिससे ये पता लगाया जा सकता है कि जो वैक्सीन दी जा रही है, वो असली है या फिर नकली। 

केंद्र ने लिखी राज्यों को चिट्ठी

देश में अभी केवल तीन ही कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है, जिसमें सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूसी वैक्सीन स्पूतनिक शामिल है। इन तीनों ही टीकों के असली-नकली पहचान कैसे करनी है, ये सरकार ने बताया। केंद्र ने शनिवार को चिट्ठी लिखकर राज्यों को इसके बारे में बताया। जिसमें बताया गया कि वैक्सीन के लेबल, कलर और ब्रांड का नाम से इसके असली-नकली होने की पहचान की जा सकती है। 

कोविशील्ड 

कोविशील्ड वैक्सीन पर SII का प्रोडेक्ट लेबल लगा होगा, जो गहरे हरे रंग का होगा। ब्रांड का नाम ट्रेड मार्क के साथ (COVISHIELD) लिखा हुआ दिखाई देगा। जेनेरिक नाम का टेक्स्ट फॉन्ट बोल्ड अक्षरों में नहीं होगा। साथ ही इसके ऊपर CGS NOT FOR SALE भी लिखा होगा। 

कोवैक्सीन 

बात अब कोवैक्सीन की करते हैं। इसकी पहचान करने के लिए सरकार ने बताया कि वैक्सीन के लेबल पर अदृश्य UV हेलिक्स लगा है। लेबल को केवल UV लाइट में ही देखा जा सकता है। लेबल क्लेम डॉट्स के बीच छोटे अक्षरों में COVAXIN लिखा है, जिसमें X दो रंगों में दिखता है। इसको ग्रीन फॉयल इफेक्ट कहते हैं।

स्पूतनिक-वी

वहीं बात अब रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी की करें तो ये रूस के दो अलग-अलग प्लांट से आयात हुई, इसलिए दोनों के लेबल कुछ अलग है। हालांकि सभी जानकारी और डिजाइन एक सी ही है, बस मैन्युफेक्चरर का नाम अलग है। स्पूतनिक-वी की अब तक जितनी भी वैक्सीन आयात हुई, उनमें से सिर्फ 5 एमपूल के पैकेट पर ही इंग्लिश में लेबल लिखा है। बाकी पैकेटों में ये रूसी में लिखा है।

Ruchi Mehra
Ruchi Mehra
रूचि एक समर्पित लेखक है जो किसी भी विषय पर लिखना पसंद करती है। रूचि पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ, विदेश, राज्य की खबरों पर एक समान पकड़ रखती हैं। रूचि को वेब और टीवी का कुल मिलाकर 3 साल का अनुभव है। रुचि नेड्रिक न्यूज में बतौर लेखक काम करती है।

Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

अन्य

प्रचलित खबरें

© 2022 Nedrick News. All Rights Reserved.