One Nation One Subscription: केंद्र सरकार ने सोमवार को ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत, देशभर के विद्यार्थियों को दुनियाभर के प्रमुख जर्नल्स और शोध पत्रों तक एक ही प्लेटफॉर्म पर पहुंच प्रदान की जाएगी। इससे देश के लगभग 1.8 करोड़ छात्र और शोधार्थी लाभान्वित होंगे। इस योजना के लिए सरकार ने 6,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो 2025 से 2027 तक उपलब्ध कराया जाएगा।
और पढ़ें: कौन हैं विष्णु शंकर जैन? ज्ञानवापी से जामा मस्जिद तक बने हिंदू पक्ष के संघर्ष का चेहरा
सूचना और प्रसारण मंत्री ने दी जानकारी- One Nation One Subscription
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव (Information and Broadcasting Minister Ashwini Vaishnav) ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस योजना के तहत, 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों को जोड़ा जाएगा जो प्रमुख शोध पत्रों और जर्नल्स को प्रकाशित करते हैं।
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन क्या है?
‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना (One Nation One Subscription) के तहत 1.8 करोड़ छात्रों और शोधकर्ताओं को लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत दुनिया भर के जर्नल में प्रकाशित शोध और लेख एक साथ यहां अध्ययन के लिए उपलब्ध होंगे। इसका सीधा लाभ छात्रों और शोधकर्ताओं को मिलेगा।
Cabinet approves One Nation One Subscription (ONOS)
The Prime Minister in his address to the Nation from the ramparts of the Red Fort on 15th August, 2022, had pointed out the importance of Research and Development in our country in the Amrit Kaal. He had given the clarion call… pic.twitter.com/mXnJm7ZQ3m
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) November 25, 2024
इस नई योजना से शोधार्थियों को विशेष लाभ होगा, खासकर उन छात्रों और शोधकर्ताओं को जो दूसरे-तीसरे श्रेणी के शहरों में रहते हैं। अब वे घर बैठे ही दुनिया भर के प्रमुख जर्नल्स और शोध सामग्री तक पहुंच सकते हैं, जिससे देश में शोध कार्य को बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने इस योजना के तहत 13,000 ई-जर्नल्स तक 6,300 सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों और केंद्रीय शोध संस्थानों को पहुंच उपलब्ध कराई है।
पैन 2.0 का होगा शुभारंभ, अब मिलेगा ऑनलाइन और सुरक्षित पैन
इसके अलावा, सरकार ने पैन 2.0 (PAN 2.0) को लेकर भी महत्वपूर्ण घोषणा की है। पैन 2.0 के तहत, मौजूदा पैन को पूरी तरह से बदलकर क्यूआर कोड आधारित और ऑनलाइन बनाया जाएगा। इस नई प्रणाली के लिए किसी भी व्यक्ति को कोई राशि खर्च नहीं करनी होगी, और पूरी प्रक्रिया का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। पैन 2.0 के तहत डेटा पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा और पैन से संबंधित शिकायतों का समाधान त्वरित और प्रभावी तरीके से किया जाएगा।
वैष्णव ने बताया कि पैन 2.0 परियोजना का उद्देश्य डिजिटल इंडिया की दिशा में एक कदम और बढ़ाना है, जिसमें पैन को विभिन्न सरकारी एजेंसियों की डिजिटल प्रणालियों के लिए एक सामान्य पहचानकर्ता के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की स्वीकृति
कैबिनेट ने 2481 करोड़ रुपये के परिव्यय से राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को मंजूरी दी है। इस मिशन का उद्देश्य देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना और किसानों को प्राकृतिक विधियों से खेती के लाभ बताना है। यह योजना 15वें वित्त आयोग (2025-26) तक प्रभावी रहेगी।
रेलवे परियोजनाओं को मिली स्वीकृति
कैबिनेट ने रेलवे की कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं को भी स्वीकृति दी है। इनमें मुंबई से प्रयागराज ट्रंक लाइन पर मनमाड से खंडवा तक चौथी लाइन बिछाने और मानिकपुर से प्रयागराज के इरादतगंज तक तीसरी लाइन बिछाने की परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा, मनमाड से भुसावल तक 160 किलोमीटर लंबी चौथी लाइन बिछाने पर 2773 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
केंद्र सरकार के इन कदमों से न केवल शोध और शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे डिजिटल इंडिया और कृषि क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे।