पश्चिम बंगाल में तीसरी बार TMC की सरकार के सत्ता में आने के बाद फिर बवाल मच गया। यहां की राजनीति में एक बार फिर से CBI की वजह से बवाल मच गया। एक केस में CBI ने फिर से TMC के नेताओं पर एक्शन लिया। ये केस है नारदा स्टिंग ऑपरेशन का। जिसमें शिकंजा कसते हुए दो मंत्री समेत TMC के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। इसमें कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम, कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी, TMC विधायक मदन मित्रा और पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी के नाम शामिल है।
गिरफ्तारी से गुस्साईं ममता
CBI ने इन नेताओं के घर पर छापेमारी की। इसके बार इनको पूछताछ के लिए एजेंसी के दफ्तर में ले गई और फिर गिरफ्तार भी कर लिया। इन नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आगबूबला हो गई। वो खुद एजेंसी के दफ्तर भी पहुंच गई। यही नहीं उन्होंने अपने आप को भी गिरफ्तार करने की बात कह दी।
खबरों के मुताबिक सीएम ममता ने अधिकारियों से कहा कि आप अगर इन 4 नेताओं को गिरफ्तार कर रहे हैं, तो मुझे भी गिरफ्तार करें। राज्य सरकार या फिर कोर्ट के नोटिस के बिना नेताओं को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। फिर भी इनकी गिरफ्तारी होती है, तो मुझे भी गिरफ्तार किया जाए।
क्या है नारदा स्टिंग ऑपरेशन का मामला, जिसको लेकर एक बार फिर से TMC की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं? आइए इसके बारे में आपको बताते है…
क्या है नारदा स्टिंग ऑपरेशन का मामला?
ये मामला 2016 का है, जब राज्य में विधानसभा चुनाव होने थे। इन चुनावों से कुछ दिन पहले एक स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो सामने आया था। ऐसा दावा किया गया कि ये वीडियो 2014 का है। वीडियो में TMC के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्ति कथित तौर पर एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से घूस लेते हुए देखा जा रहा था।
स्टिंग ऑपरेशन नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था। ममता बनर्जी और TMC ने इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया था। लेकिन ये मामला बढ़ता गया कलकत्ता हाईकोर्ट तक पहुंच गया। 2017 मार्च में कोर्ट ने इस स्टिंग ऑपरेशन को लेकर CBI जांच के आदेश दिए थे।
मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी पर कार्रवाई क्यों?
CBI इस मामले में 5 सालों से जांच कर रही है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की थीं। पहली बार इस मामले में 4 नेताओं की गिरफ्तारी हुई है। वैसे सिर्फ यही नहीं, इस स्टिंग ऑपरेशन में और भी नेता शामिल थे। मामले में मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हैं। शुभेंदु अधिकारी TMC छोड़कर बीजेपी में चले गए हैं। इस वजह से TMC ये आरोप लगातार रहती है कि क्योंकि ये नेता अब बीजेपी में हैं, इसलिए इनके खिलाफ CBI ने कोई एक्शन नहीं लेती।