द कश्मीर फाइल्स फिल्म के आने के बाद से ही कश्मीरी पंडितों के पलायन का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। लोग इस फिल्म को देखकर महसूस कर पा रहे हैं कि 3 दशक पहले कश्मीरी पंडितों पर क्या कुछ गुजरी होगी। इस बीच कश्मीरी पंडितों को न्याय दिलाने की मांग भी तेज हो रही है। कश्मीरी पंडितों पर जुल्म करने वाले आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग इस वक्त जोरों से उठाई जा रही है।
फिल्म के आने के बाद यासीन मलिक और बिट्टा कराटे भी काफी ज्यादा चर्चाओं में बने हुए हैं। कश्मीर फाइल्स में दिखाया गया है कि कैसे इन आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार किए और उन्हें अपने घर छोड़कर जाने को मजबूर किया है। अब इनसे जुड़ी एक और बड़ी खबर आई है। खबर है कि यासीन मलिक और बिट्टा कराटे का खेल खत्म हो सकता है। इन पर दर्ज केस एक बार फिर से खोले जा सकते हैं। जम्मू-कश्मीर के DGP ने अपने एक बयान के जरिए इसके संकेत दिए।
दरअसल, हाल ही में DGP दिलबाग सिंह से इसको लेकर सवाल किया गया था, जिस पर उन्होंने कहा कि हम सभी आतंकी मामलों की जांच करेंगे। किसी भी आतंकी को बख्शा नहीं जाएगा। DGP के इस बयान के बाद से संभावना जताई जा रही हैं कि कश्मीर में हत्याओं के आरोपी रहे यासीन मलिक और बिट्टा कराटे के खिलाफ केस फिर से खुल सकते हैं। बता दें बिट्टा कराटे और यासीन मलिक ये दोनों ही अलगाववादी नेता हैं। दोनों के खिलाफ हत्या, लूटपाट समेत कई संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं।
कौन है यासीन मलिक?
यासीन मलिक एक कश्मीरी अलगाववादी नेता है, जो पूर्व आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का आतंकी रहा है। यासीन मलिक कश्मीर को अलग राष्ट्र बनाने का समर्थन करता है। 25 जनवरी 1990 को भारतीय वायुसेना के चार कर्मिचारियों को मारा गया था। इस कांड में यासीन मलिक के शामिल होना का आरोप है। इसको लेकर उसके खिलाफ केस भी चल रहा है। साथ ही उस पर ये आरोप भी लगे है कि 1990 में कश्मीर से हिंदुओं का कत्लेआम कर उनको भगाने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। फिलहाल यासीन दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं और सजा काट रहा है।
कश्मीरी पंडितों का हत्यारा है बिट्टा कराटे
बात बिट्टा कराटे की करें तो वो भी यासीन मलिक की तरह JKLF से जुड़ा रहा है। 1990 में कश्मीरी पंडितों को मारने और उन्हें वहां से भागने को मजबूर करने में बिट्टा कराटे का बहुत बड़ा हाथ रहा है। उस पर कई कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम करने का आरोप लग चुका है। एक इंटरव्यू में बिट्टा कराटे ने खुद ये बात मानी थी कि उसने 20 से ज्यादा कश्मीरी पंडितों को मारा। द कश्मीर फाइल्स फिल्म में बिट्टा कराटे के उस इंटरव्यू के बारे में भी दिखाया गया है, जिसमें वो कश्मीरी पंडितों की हत्या की बात कबूलता है। बिट्टा 16 सालों तक सलाखों के पीछे रहा। इसके बाद 2006 में वो जेल से छूटकर जमानत पर बाहर आया। बिट्टा कराटे का असली नाम फारूक अहमद दार है।