प्रयागराज के पूर्व SSP अभिषेक दीक्षित की मुश्किलें आगे आने वाले समय में और बढ़ सकती है। वो पहले से ही निलंबित चल रहे हैं और अब उनके खिलाफ केस दर्ज होने की भी तैयारी चल रही है। विजिलेंस टीम की तरफ से IPS अभिषेक दीक्षित के खिलाफ FIR दर्ज करने की इजाजत राज्य की योगी सरकार से मांगी है। अभिषेक दीक्षित पर भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर आरोप लगे हुए है।
साल 2020 में ही अभिषेक की तैनाती प्रयागराज के एसएसपी के तौर पर हुई थी। इसके बाद से ही उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे थे। उन पर ये आरोप लगाए गए कि एसएसपी पद पर तैनाती के दौरान उन्होंने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के तबादले और पोस्टिंग में भ्रष्टाचार किया। आरोपों के मुताबिक अभिषेक थाने में पोस्टिंग के लिए लेनदेन करते थे। साथ ही साथ उन पर धीमी गति से काम करने और अपने से वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश नहीं मानने के भी आरोप लगाए गए।
भ्रष्टाचार का मामला सामना आने के बाद सीएम योगी ने आदेश दिया और 8 सितंबर 2020 को ही अभिषेक दीक्षित को निलंबित कर दिया था। इसके बाद उनके खिलाफ जांच भी बैठाई गई। दीक्षित के खिलाफ सभी मामलों में जांच का जिम्मा सरकार ने विजिलेंस टीम को सौंपा। शासन के निर्देश पर विजिलेंस अभिषेक दीक्षित के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में भी जांच भी कर रहा है।
ऐसी खबरें आ रही है कि विजिलेंस की टीम ने अभिषेक दीक्षित पर लगे आरोपों को सही पाया और अब उनके खिलाफ केस दर्ज करने की इजाजत भी मांगी। उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत कई दूसरी धाराओं में केस दर्ज किया जा सकता है। आपको बता दें कि अभिषेक दीक्षित 2006 बैच के तमिलनाडु काडर के आईपीएस हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अभिषेक दीक्षित के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद उनके साथ साथ मददगारों की भी मुश्किलें बढ़ सकती है।