नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। किसान कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। दिल्ली-एनसीआर की भीषण सर्दी और बारिश के इस खराब मौसम के बीच वो बॉर्डर डटे हुए है। वहीं सरकार ने अब तक ना तो किसानों की बात मानी और ना ही उन्हें मनाने में कामयाब हो पाई। नवंबर 2020 से शुरू हुआ ये आंदोलन 2021 में भी जारी है।
किसान आंदोलन लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस दौरान किसान आंदोलन के पक्ष और विपक्ष में तमाम लोग तरह-तरह की बयानबाजियां कर रहे हैं। लेकिन इस दौरान विवादित बयानबाजी का दौर भी लगातार जारी है। हाल ही में एक किसान नेता ने RSS मुख्यालय और मोहन भागवत को बम से उड़ाने की धमकी दे दी थीं।
किसान नेता अरुण बानकर ने दी थी धमकी
इस बयान को लेकर अब एक्शन लिया गया है। सोमवार को मध्य प्रदेश के बैतूर जिले में महाराष्ट्र के किसान नेता अरुण बनकर ने ये धमकी दी थीं। जिसके बाद अब उनके खिलाफ केस दर्ज हो गया है। बीजेपी के बैतूल जिला अध्यक्ष बबला आदित्य शुक्ला ने उनके खिलाफ शिकायत की थी और फिर उन पर धारा 505, 506 के तहत मामला दर्ज किया है।
सोमवार को किसान नेता अरुण बनकर ने तब विवादित बयान दिया था, जब किसानों का जत्था नागपुर से दिल्ली की ओर जाते हुए बैतूल में रुका। बैतूल के मुलताई में शहीद किसान स्तंभ पर किसानों की एक सभा हुई थी। जिस दौरान उन्होनें ये धमकी दी थी। अरुण बनकर ने इस दौरान पीएम मोदी के लिए भी आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था।
पीएम मोदी के लिए कहे थे अपशब्द
मीडिया से बात करते हुए उन्होनें कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों पर गोलियां नहीं चलवा सकते, क्योंकि सेना के जवान विद्रोह कर देंगे। लेकिन अगर फिर भी सरकार ऐसा करती है तो हम मोहन भागवत को उड़ा देंगे, RSS हेडक्वार्टर को उड़ाएंगे। किसान अब दिल्ली में घुस गए हैं। मोदी के पास एक ही रास्ता बचा हैं, या तो वो कानून वापस लें, नहीं तो उनको आत्महत्या करनी पड़ेगी।
बीजेपी जिला अध्यक्ष ने की शिकायत
इस बयान को लेकर बीजेपी के बैतूल जिला अध्यक्ष बबला आदित्य शुक्ला ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायकर्ता ने कहा कि अरुण बानकर जनता को भड़काकर समाज की शांति और सद्भाव को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस को उनको तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए।’
बबला ने आगे कहा कि बानकर ने सरेआम मोहन भागवत और RSS मुख्यालय को बम से उड़ाने की धमकी दी, जिसकी जांच होनी चाहिए। साथ ही ऐसे संगठन की भी जांच की जानी चाहिए।