उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज होने लगी हैं। सभी पार्टियां चुनावी मोड़ में उतरती हुई नजर आ रही है। AIMIM चीफ असुद्दीन ओवैसी भी यूपी चुनाव में अपनी पार्टी की किस्मत आजमा रही हैं। ओवैसी यूपी चुनाव को लेकर अभी से एक्टिव हो गए और यूपी में जनसभाओं को भी संबोधित करने लगे।
कई आरोपों में ओवैसी के खिलाफ केस दर्ज
इस संबंध में गुरुवार को ओवैसी बाराबंकी पहुंचे थे, जहां उन्होंने एक रैली को भी संबोधित किया। लेकिन इसकी वजह से वो अब मुसीबतों में भी फंस गए हैं। दरअसल, ओवैसी के खिलाफ इसको लेकर केस दर्ज हो गया। उन पर भड़काऊ भाषण देने, बिना परमिशन रैली करने, पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और कोरोना नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में केस दर्ज हुआ।
नगर कोतवाली में ओवैसी के खिलाफ केस दर्ज किया गया । गुरुवार को उन्होंने कटरा बारादरी स्थित इमामबाड़े में रैली संबोधित की थीं। यहां उन्होंने कुछ ऐसी बातें कही, जिसके वजह से ओवैसी पर भड़काऊ और नफरत फैलाने वाला भाषण देने का आरोप लगा।
मस्जिद को लेकर दिया था ये बयान
ओवैसी ने जनसभा में 100 साल पुरानी मस्जिद को ‘शहीद’ करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि बाराबंकी में 100 साल पुरानी एक मस्जिद को शहीद किया गया। मुख्यमंत्री योगी ने अपने अफसर से कहा कि मस्जिद को तोड़ दो, SDM ने बिना किसी नोटिस के मस्जिद को तोड़ दिया। किसी ने इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाई।
ओवैसी ने ये भी कहा था कि मुस्लिमों को लेकर आपत्तिजनक नारे लगाए गए, लेकिन जिन्होंने ऐसा किया उन्हें 24 घंटे में ही जमानत दे दी गई। ये जुल्म इसलिए हो रहा है क्योंकि जुल्म करने वालों को पता है कि मोदी उनके साथ हैं। बीजेपी पीछे से उन्हें मदद कर रही हैं।. विपक्षी पार्टी सपा, बसपा आवाज नहीं उठाती।
वहीं बाराबंकी एसपी ने ओवैसी के इस बयान पर कहा कि रामसनेही घाट में 100 साल पुरानी मस्जिद तुड़वाने और वहां से उसका मलबा भी हटाने की बात कही गई। जो वास्तविकता से एकदम परे है। ऐसा कर उन्होंने एक समुदाय को भड़काने और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया। इसके अलावा उन्होंने भाषण के दौरान उन पर सीएम योगी और पीएम मोदी को लेकर अभद्र टिप्पणी करने के भी आरोप लग रहे हैं।
कई धाराओं में दर्ज हुआ केस
एसपी यमुना प्रसाद ने कहा कि ओवैसी ने जनसभा के लिए इजाजत मांगी गई थीं, लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल की वजह प्रशासन ने उनको इजाजत नहीं दी। उन्होंने बिना परमिशन के ही जनसभा की। इस वजह से उन पर कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के भी आरोप हैं। इसको लेकर ओवैसी के खिलाफ धारा- 153ए, 188, 279 और 270 और महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया।