विधानसभा चुनाव से कुछ महीनों पहले पंजाब के जो राजनीतिक हालात है, वो कांग्रेस के लिए परेशानी की वजह बन सकते हैं। ये परेशानी कोई और नहीं, बल्कि उनके खुद के ही दिग्गज नेता और राज्य के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह खड़ी कर सकते हैं। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन के जिस तरह से तेवर नजर आ रहे हैं, उससे तो ऐसा ही लग रहा है। कैप्टन ने साफ तौर पर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
राहुल-प्रियंका को अनुभवहीन बताया
वो किसी भी हालत में सिद्धू को राज्य का सीएम बनते नहीं देख सकते। इसके लिए उन्होंने कोई भी कुर्बानी देने तक की बात कह दी। और तो और अब सिद्धू के बाद अमरिंदर सिंह के निशाने पर कांग्रेस हाईकमान तक आने लगा है। कैप्टन ने एक बड़ा बयान देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को अनुभवहीन बताया।
सिद्धू को सीएम नहीं बनने देने की कही बात
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को खतरनाक आदमी बताया। साथ ही उन्होंने चुनावी मैदान में सिद्धू के खिलाफ मैदान मजबूत दावेदार उतारने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि वो सिद्धू से देश बचाने के लिए कोई भी बलिदान देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वो सिद्धू के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार खड़ा करेंगे और किसी भी कीमत पर उनको सीएम नहीं बनने देंगे।
वहीं इस पूरे मामले पर एक ये भी खुलासा हुआ कि कैप्टन तीन हफ्ते पहले भी सोनिया गांधी से इस्तीफे की पेशकश कर चुके थे। लेकिन तब उनको पद पर बने रहने को कहा गया था। कैप्टन के कहा कि उनको अगर फोन करके पद छोड़ने को कहा जाता, तो वो ऐसा करते। लेकिन गुप्त तरीके से विधायक दल की बैठक बुलाई गई, जिससे उनको अपमानित महसूस हुआ।
कैप्टन अमरिंदर सिंह बोले कि किसी विधायक को मैं गोवा या कहीं और नहीं लेकर। ऐसी नौटंकी मैं नहीं करता। गांधी भाई बहन को मालूम है कि ये मेरा तरीका नहीं। आगे पूर्व सीएम ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर भी बड़ा बयान दिया।
उन्होंने कहा कि राहुल और प्रियंका मेरे बच्चों की तरह हैं। उनके साथ जो हुआ, वो उससे आहत हैं। कैप्टन ने कहा कि गांधी भाई-बहन अनुभवहीन थे और सलाहकार ने उनको गुमराह किया।
राजनीतिक भविष्य पर ये बोले कैप्टन…
वहीं अपने राजनीतिक भविष्य पर कैप्टन अमरिंदर सिंह बोले कि अभी सभी रास्ते खुले हैं। वो अपने करीबियों के संग बातचीत कर रहे हैं। वहीं उम्र को लेकर कैप्टन बोले कि आप 40 साल में बूढ़े हो सकते हैं और 80 में जवान। अपनी बढ़ती उम्र को उन्होंने कभी बाधा के रूप में नहीं देखा।
गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस में लंबे वक्त से तनातनी का दौर चल रहा था। कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू एक दूसरे पर हमलावर थे। इसकी आंच आखिरकार कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे तक ही पहुंची। बीते दोनों कैप्टन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी जो सिद्धू के करीबी माने जाते हैं, उनको राज्य का सीएम बनाया गया। पंजाब में कुछ महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम का चुनावों पर क्या असर पड़ता है, ये देखना दिलचस्प होगा।