किसान आंदोलन से पंजाब को हो रहा 'नुकसान'...कैप्टन अमरिंदर को क्यों सता रही ये चिंता?

By Ruchi Mehra | Posted on 14th Sep 2021 | देश
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नए कृषि कानून को लेकर रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही। सरकार और किसान दोनों ही अपनी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। इस दौरान विपक्ष भी लगातार किसानों के सपोर्ट में खड़ा हुआ नजर आ रहा है। विपक्षी पार्टियां भी कृषि कानून को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर हैं और किसानों की मांग को जायज ठहराते हुए कानून वापस लेने की मांग कर रही हैं। 

किसानों का समर्थन करने वालों में कांग्रेस पार्टी सबसे आगे है।  कांग्रेस कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर किसानों के साथ खड़ी हैं। जब से ही किसानों का ये आंदोलन शुरू हुआ कांग्रेस इसमें उन्हें सपोर्ट करती हुई नजर आ रही हैं। 

कैप्टन अमरिंदर सिंह का बड़ा बयान

अब इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान आंदोलन को लेकर एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने किसान आंदोलन की वजह से पंजाब को ‘नुकसान’ होने की बात कही। साथ ही उन्होंने किसानों से दिल्ली और हरियाणा जाकर प्रदर्शन करने की भी अपील की। 

दरअसल, किसान आंदोलन की वजह से पंजाब को हो रहे आर्थिक नुकसान की चिंता सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को सता रही है, जिसके चलते ही वो किसानों से कह रहे हैं कि वो कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन पंजाब की जगह दिल्ली-हरियाणा जाकर करें। 

...इसलिए दिल्ली-हरियाणा जाकर प्रदर्शन करने को कहा

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ये बात बीते दिन एक कार्यक्रम में कहीं। वो बोले कि मैं किसान भाइयों से कहना चाहूंगा कि ये पंजाब आपका हैं। आपके गांव हैं, आपके लोग हैं। दिल्ली पर जाकर आप जो करना चाहते हैं, वो करें, उन पर (केंद्र) पर दबाव बनाएं और उनको सहमत करें। 

कैप्टन ने आगे कहा कि आपको क्या मालूम है कि पंजाब में अभी भी 113 जगहों पर किसान बैठे हैं। इससे क्या फायदा होगा? पंजाब को आर्थिक नुकसान होगा। दूसरे किसान प्रदर्शन दिल्ली सीमाओं और हरियाणा में कर रहे हैं। आप भी वहीं करें।‘

होशियारपुर में सभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि पंजाब को विकास की जरूरत है। पंजाब के किसानों को मैं बताना चाहूंगा कि जमीन उनकी हैं। विरोध प्रदर्शन राज्य के हित में नहीं। राज्य में विरोध करने की जगह किसानों को कृषि कानून खत्म करने के लए दबाव बनाना चाहिए।

'किसानों को भड़का रहे कैप्टन'

वहीं पंजाब के सीएम के इस बयान को लेकर हरियाणा सरकार भी उन पर भड़कती हुई नजर आ रही है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने पंजाब के मुख्यमंत्री के इस बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया और साथ ही ये भी कहा कि वो किसानों को भड़काने का काम कर रहे हैं। 

गौरतलब है कि किसानों का आंदोलन पिछले साल नवंबर के महीने से जारी हैं। बड़ी संख्या में किसान देश के अलग अलग राज्यों में कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानून को वापस लें। जबकि कानून वापस लेने की मांग नहीं स्वीकार कर रही। वो कानून में संशोधन के लिए तैयार है। दोनों ही पक्ष अपनी अपनी मांग पर अड़िग हैं। वहीं 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद इस पूरे मसले को सुलझाने के लिए कोई बातचीत भी नहीं हुई। 

इस बीच किसान लगातार अपना आंदोलन तेज करने की कोशिश कर रहे हैं। कई जगहों पर महापंचायत की जा रही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत अन्य राज्यों में होने वाले चुनावों में भी किसान आंदोलन एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आ रहा है। ऐसे में इस आंदोलन का क्या प्रभाव पड़ेगा और ये क्या मोड़ लेगा...ये तो आगे आने वाले वक्त में ही पता चलेगा।

Ruchi Mehra
Ruchi Mehra
रूचि एक समर्पित लेखक है जो किसी भी विषय पर लिखना पसंद करती है। रूचि पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ, विदेश, राज्य की खबरों पर एक समान पकड़ रखती हैं। रूचि को वेब और टीवी का कुल मिलाकर 3 साल का अनुभव है। रुचि नेड्रिक न्यूज में बतौर लेखक काम करती है।

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