खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर (Khalistani separatist Hardeep Singh Nijjar) की हत्या के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों (India Canada Relations) में कड़वाहट बढ़ती जा रही है। निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा का कहना है कि इसके पीछे भारतीय उच्चायुक्तों का हाथ है। जिस पर भारत सरकार ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि कनाडा भारत पर बेबुनियाद आरोप लगा रहा है। कनाडा के इन बेबुनियादी आरोपों के खिलाफ विरोध जताते हुए हाल ही में भारत सरकार ने अपने अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया और 6 कनाडाई राजनयिकों को 19 अक्टूबर तक भारत छोड़ने का अल्टीमेटम भी दिया। इस बीच कनाडा की तरफ से बयान आया है कि वह भारत पर प्रतिबंध लगाने के बारे में सोच रहा है।
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली- Canada may imposes sanctions on India
इस संबंध में मंगलवार (15 अक्टूबर) को कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली (Canadian Foreign Minister Melanie Joly) का बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनका देश भारत पर प्रतिबंध लगाने के बारे में सोच रहा है। इस बीच सवाल उठ रहा है कि अगर कनाडा आने वाले समय में भारत पर प्रतिबंध लगाता है तो दोनों देशों में से किसको सबसे ज़्यादा नुकसान होगा? आइए जानते हैं।
भारत और कनाडा के बीच करोड़ रुपये का व्यापार
कनाडा और भारत के बीच व्यापार (Trade between India and Canada) का मूल्य 70,000 करोड़ रुपये है। 2022-2023 के दौरान, दोनों देशों के बीच कुल 8.3 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ, और अगले वर्ष यह राशि बढ़कर 8.4 बिलियन डॉलर हो गई। इस दौरान भारत का आयात कुल 3.8 बिलियन डॉलर रहा, जबकि इसका निर्यात बढ़कर 4.6 बिलियन डॉलर हो गया। हालांकि वर्तमान में दोनों देशों के बीच कोई आर्थिक संघर्ष नहीं है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है तो सभी पक्ष प्रभावित होंगे।
कनाडाई पेंशन फंड में निवेश
AsiaPacific.ca के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि कनाडा के पेंशन फंडों ने भारत में करीब 6 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। इन फंडों ने 2013 से 2023 के बीच बुनियादी ढांचे, वित्तीय सेवाओं, औद्योगिक परिवहन और रियल एस्टेट उद्योगों में महत्वपूर्ण निवेश किया है। इसके अलावा, 600 कनाडाई व्यवसाय भारत में काम करते हैं और 30 से अधिक भारतीय व्यवसायों ने कनाडा में कुल 40,446 करोड़ रुपये का निवेश किया है। वहां 17,000 कर्मचारी हैं।
दोनों देशों में किस तरह का व्यापार?
निवेश और व्यापार के क्षेत्रों में कनाडा और भारत के बीच मजबूत आर्थिक संबंध मौजूद हैं। कनाडा को भारत के प्राथमिक निर्यात में आभूषण, कीमती पत्थर, जवाहरात, दवाइयाँ, तैयार कपड़े, जैविक रसायन और हल्के तकनीकी उत्पाद शामिल हैं। भारत कनाडा से खनिज, औद्योगिक रसायन, एस्बेस्टस, पोटाश, तांबा, लौह स्क्रैप, लकड़ी का गूदा, अखबार और दालें भी आयात करता है।
निवेश को लेकर क्या है आंकड़े
देश की राष्ट्रीय निवेश संवर्धन और सुविधा एजेंसी इन्वेस्ट इंडिया के अनुसार, भारत में अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों में कनाडा 18वें स्थान पर है। कनाडा ने 2020-21 और 2022-23 के दौरान भारत में कुल 3.31 बिलियन डॉलर का निवेश किया। हालाँकि, यह निवेश भारत के कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का केवल 0.5% (आधा प्रतिशत) है, जो कनाडा के साथ उसके आर्थिक संबंधों का एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण पहलू है।
भविष्य में क्या हैं चुनौतियां चुनौतियां?
भारत और कनाडा के बीच चल रहा कूटनीतिक तनाव (Diplomatic tension between India-Canada) अगर जारी रहा तो इसका दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है। खास तौर पर व्यापारिक निवेश और आयात-निर्यात के क्षेत्रों में गिरावट आ सकती है।
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