CAG Report Delhi Assembly: दिल्ली विधानसभा में आज CAG (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कार्यकाल में कथित अनियमितताओं को उजागर किया गया है। रिपोर्ट में मुख्यमंत्री आवास, मोहल्ला क्लीनिक्स, शराब नीति और सरकारी खर्चों में बड़े घोटालों का उल्लेख किया गया है। दिल्ली की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार इस रिपोर्ट को आधार बनाकर AAP सरकार की कथित वित्तीय गड़बड़ियों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है।
मुख्यमंत्री आवास पर 342% अधिक खर्च- CAG Report Delhi Assembly
CAG रिपोर्ट के अनुसार, 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास के रिनोवेशन पर अनुमानित लागत से 342% अधिक राशि खर्च की गई। लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा इस कार्य के लिए 7.91 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था, लेकिन अंतिम खर्च 33.66 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि इस कार्य के लिए बिना उचित टेंडर प्रक्रिया अपनाए ठेकेदारों का चयन किया गया।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सीएम आवास के क्षेत्र को 36% बढ़ाकर 1,905 वर्ग मीटर कर दिया गया, जबकि इसे पहले 1,397 वर्ग मीटर में सीमित रखा गया था। इस पूरे प्रोजेक्ट के तहत महंगे लग्जरी आइटम्स लगाए गए, लेकिन उनके खरीद मूल्य को लेकर कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई।
शराब नीति घोटाले पर CAG के खुलासे
CAG रिपोर्ट में दिल्ली की विवादित शराब नीति को लेकर भी बड़े घोटाले का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार:
- सरकार को ₹2,026 करोड़ का नुकसान हुआ।
- नीति लागू करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह ली गई थी, लेकिन उनकी सिफारिशों को नजरअंदाज किया गया।
- कई घाटे में चल रही कंपनियों को भी लाइसेंस दिए गए।
- कई बड़े फैसलों पर कैबिनेट और उपराज्यपाल (LG) से मंजूरी नहीं ली गई।
- कोविड-19 के नाम पर ₹144 करोड़ की लाइसेंस फीस माफ की गई, जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं थी।
- शराब बिक्री लाइसेंस बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाए जारी किए गए, जिससे ₹890 करोड़ का नुकसान हुआ।
- जोनल लाइसेंस धारकों को छूट देने से सरकार को ₹941 करोड़ का अतिरिक्त घाटा हुआ।
मोहल्ला क्लीनिक: सुविधाओं की भारी कमी
AAP सरकार द्वारा शुरू किए गए मोहल्ला क्लीनिकों में भी भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक:
- 2016-2023 के दौरान मोहल्ला क्लीनिकों के लिए आवंटित ₹16 करोड़ में से केवल ₹9.78 करोड़ (28%) खर्च किया गया।
- 1000 मोहल्ला क्लीनिक बनाने का लक्ष्य था, लेकिन केवल 523 क्लीनिक ही बन पाए।
- 41 मोहल्ला क्लीनिक महीने में 15-23 दिन तक डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण बंद रहे।
- कई क्लीनिकों में बुनियादी चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी पाई गई।
- 74 क्लीनिकों में 165 आवश्यक दवाएं उपलब्ध नहीं थीं।
- 70% मरीजों को एक मिनट से भी कम समय का मेडिकल कंसल्टेशन मिला।
- 2018-2023 के बीच केवल 2% मोहल्ला क्लीनिकों का निरीक्षण किया गया।
छात्र योजनाओं में अनियमितताएं
CAG रिपोर्ट में छात्रों को दी जाने वाली वर्दी सब्सिडी, छात्रवृत्ति और अन्य लाभों में गड़बड़ियों का जिक्र भी किया गया है:
- 77 करोड़ रुपये का जीएसटी रिफंड बिना दस्तावेजों की जांच के जारी किया गया।
- कई छात्रों ने एक ही आधार नंबर और बैंक खाते का इस्तेमाल कर सरकार से शिक्षा संबंधी लाभ प्राप्त किए।
- 93 लाख छात्रों को 42.64 करोड़ रुपये की वर्दी सब्सिडी दी गई, जिसमें कई दोहराव पाए गए।
- 85 लाख रुपये का अनियमित भुगतान फर्जी छात्र आईडी के कारण हुआ।
नई मुख्यमंत्री का बड़ा बयान
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने CAG रिपोर्ट के खुलासों के बाद बयान दिया कि पिछली सरकारों (AAP और कांग्रेस) ने जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग किया है। उन्होंने कहा कि AAP सरकार को हर पैसे का हिसाब देना होगा। भाजपा सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रही है।