Bus conductor rescued girl: हाल ही में राजस्थान के सीकर जिले में एक बहादुरी की मिसाल पेश की गई, जब राजस्थान रोडवेज के कंडक्टर नेमीचंद मुवाल ने सूझबूझ और साहस का परिचय देते हुए 22 वर्षीय छात्रा को अपहरणकर्ताओं से बचाया। यह घटना शुक्रवार सुबह 10 बजे सीकर के नवलगढ़ पुलिया के पास घटित हुई, जब एक स्कॉर्पियो में सवार तीन बदमाशों ने छात्रा को अगवा कर लिया।
अपहरण की घटना- Bus conductor rescued girl
मामला तब शुरू हुआ जब 22 वर्षीय छात्रा अपने गांव पिपराली जाने के लिए नवलगढ़ पुलिया पर खड़ी थी। इस दौरान, तीन बदमाशों ने रास्ता पूछने के बहाने छात्रा को स्कॉर्पियो में खींच लिया। बदमाशों ने उसे बेहोश कर दिया और दिल्ली की ओर ले जाने लगे। अपहरणकर्ता छात्रा को लेकर चलते रहे, और छात्रा पूरी तरह से असहाय हो गई थी।
मानेसर स्टैंड पर आया छात्रा को होश
दिन में चार बजे के करीब, बदमाश मानेसर स्टैंड पर रुके, जहां वे चाय पीने के लिए खड़े हो गए। इसी दौरान, छात्रा को होश आ गया। जैसे ही उसने सीकर डिपो की रोडवेज बस देखी, उसने मदद के लिए जोर से चिल्लाना शुरू किया। छात्रा के चिल्लाने की आवाज सुनकर बस के कंडक्टर नेमीचंद मुवाल ने तुरंत अपनी सूझबूझ दिखाई। उन्होंने बिना समय गंवाए बस रुकवाकर छात्रा को बदमाशों से बाहर निकाल लिया और बस में बैठाकर उसे सुरक्षित किया।
बदमाशों की गिरफ्तारी
छात्रा की चीख-पुकार और लोगों के इकट्ठा होने से तीनों बदमाश वहां से डरकर फरार हो गए। छात्रा के सुरक्षित होने के बाद, नेमीचंद ने तत्काल पुलिस और उसके परिजनों से संपर्क किया। इसके बाद, छात्रा को पिपराली में उसके परिवार के पास सुरक्षित पहुंचा दिया गया।
परिजनों का आभार
छात्रा के परिवारवालों ने रोडवेज के कंडक्टर नेमीचंद मुवाल का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, “हमारी बेटी सुरक्षित घर लौट आई, यह सब नेमीचंद की बहादुरी और सूझबूझ के कारण संभव हो सका। हम उनके आभारी हैं।” परिवार ने इस घटना के बाद बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलने के बाद, स्थानीय पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बदमाशों की पहचान करने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।
नेमीचंद मुवाल की बहादुरी
नेमीचंद मुवाल की बहादुरी और सूझबूझ की हर तरफ तारीफ हो रही है। उनकी इस बहादुरी ने एक बार फिर यह साबित किया कि व्यक्ति की सूझबूझ और साहस किसी भी मुश्किल को आसान बना सकते हैं। इस घटना ने हमें यह भी सिखाया कि एक छोटी सी मदद भी किसी की जिंदगी को बदल सकती है।
और पढ़ें: Waqf Amendment Bill 2025: दान के लिए 5 साल का इंतजार क्यों? क्या इसका संबंध धर्मांतरण से है?