Budget word origin: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किया गया। यह उनका लगातार आठवां बजट भाषण है, जो एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। बजट केवल आर्थिक आंकड़ों का लेखा-जोखा नहीं है, बल्कि यह देश की नीतियों और योजनाओं का भी एक महत्वपूर्ण बिंदु है। बजट पेश होने से पहले, आइए जानते हैं कुछ रोचक तथ्य जो शायद आप नहीं जानते।
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बजट का शाब्दिक अर्थ- Budget word origin
क्या आपको पता है कि ‘बजट’ शब्द की उत्पत्ति किससे हुई? यह शब्द फ्रेंच शब्द ‘बुल्गा’ से आया है, जिसका अर्थ होता है ‘चमड़े का थैला’। इस शब्द ने बाद में अंग्रेजी में ‘बोगेट’ का रूप लिया, और अंततः ‘बजट’ शब्द का जन्म हुआ। पहले बजट को संसद में चमड़े की थैली में प्रस्तुत किया जाता था, जो इस शब्द की उत्पत्ति का कारण है। इस शब्द का इतिहास बजट की पारंपरिक प्रस्तुति से जुड़ा हुआ है, जहां इसे एक चमड़े की थैली में रखा जाता था।
बजट की परंपरा में बदलाव
ब्रिटिश काल में प्रशासन बजट पेश करते समय खर्च और आय का ब्यौरा लाल चमड़े के बैग में रखता था। यह परंपरा 2019 तक जारी रही, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस परंपरा को तोड़ दिया। तब से बजट दस्तावेज को बही-खाता (पारंपरिक लाल कपड़े में लिपटा हुआ कागज) में पेश किया जाता है, और अब इसे डिजिटल प्रारूप में भी पेश किया जाता है। यह बदलाव बजट की प्रस्तुति शैली में आधुनिकता की ओर एक बड़ा कदम था।
बजट पेश करने का समय
क्या आपने कभी सोचा है कि बजट हमेशा सुबह 11 बजे ही क्यों पेश किया जाता है? यह कोई पुरानी परंपरा नहीं है। ब्रिटिश काल में, बजट को शाम 5 बजे पेश किया जाता था ताकि अधिकारियों को रात भर काम करने का समय मिल सके। हालांकि, 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में इस समय को बदलते हुए सुबह 11 बजे का समय तय किया गया। इस बदलाव के पीछे उद्देश्य था कि यह समय अधिकारियों और आम लोगों दोनों के लिए सुविधाजनक हो। उस समय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा थे, जिन्होंने इस परिवर्तन को लागू किया।
इसके अलावा, 1955 तक बजट केवल अंग्रेजी में ही प्रकाशित होता था, लेकिन इसके बाद से इसे हिंदी में भी पेश करने की परंपरा शुरू की गई। यह बदलाव भारतीयों को बजट को बेहतर समझने और उसे अपनी भाषा में जानने का अवसर देता है।
भारतीय बजट का इतिहास
भारत में पहला केंद्रीय बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था, जिसे आरके शानमुगम चेट्टी ने प्रस्तुत किया था। चेट्टी एक प्रमुख वकील, राजनेता और अर्थशास्त्री थे। उन्होंने स्वतंत्र भारत के पहले केंद्रीय बजट को पेश करते हुए देश की आर्थिक स्थिति की दिशा तय की थी। इससे पहले, भारत में सबसे पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को पेश किया गया था, जो ब्रिटिश राज के दौरान हुआ था। यह बजट जेम्स विल्सन द्वारा पेश किया गया था, जो एक स्कॉटिश अर्थशास्त्री थे।
संवैधानिक दस्तावेज में नहीं है बजट का जिक्र
यह तथ्य कम ही लोग जानते हैं कि भारतीय संविधान में बजट का कहीं कोई जिक्र नहीं है। बजट पेश करने की परंपरा ब्रिटिश शासन से चली आ रही है, और इसे संविधान में शामिल नहीं किया गया है। भारतीय संविधान में वित्तीय नीतियों से संबंधित विभिन्न धाराएं तो हैं, लेकिन बजट का प्रावधान उसमें नहीं किया गया। इसका कारण यह है कि यह प्रक्रिया ब्रिटिश काल की परंपराओं से जुड़ी हुई थी, जो स्वतंत्र भारत में भी जारी रही।