देश का आम बजट आज पेश हो गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुबह 11 बजे तीसरी बार बजट पेश किया। बजट आने से पहले लोगों को काफी उम्मीद थीं। कोरोना महामारी ने बीते साल देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया और आम जनजीवन को भी पूरी तरह से पटरी से उतार दिया। ऐसे में ये बजट काफी खास था। इस बजट को आत्मनिर्भर भारत को दिशा देने वाला बताया गया। तो ऐसे में इस बजट से किसे राहत मिली और किसकी उम्मीदों पर पानी फिरा, आइए बताते हैं आपको इसके बारे में…
स्वास्थ्य क्षेत्र पर दिया गया ध्यान
बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र पर सबसे ज्यादा फोकस किया गया। हेल्थ केयर सेक्टर के लिए 2.38 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए। जो स्वास्थ्य बजट का 135 प्रतिशत ज्यादा है।पहले स्वास्थ्य बजट 94 हजार करोड़ रुपये था, जो अब बढ़ 2.38 लाख करोड़ रुपये किया गया।
वरिष्ठ नागरिकों को राहत
बजट में सीनियर सीटिजन को भी बड़ी राहत दी गई। 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि ये शर्त केवल पेंशन पर ही हैं, किसी दूसरे तरीके से कमाई पर नहीं देना होगा। जिसका मतलब ये है कि बाकी हर तरह की कमाई टैक्स के दायरे में आएगी।
बैकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर में FDI बढ़ाई
इंश्योरेंस क्षेत्र में 74 फीसदी तक FDI हो पाएगी, जबकि पहले ये केवल 49 फीसदी थीं। वहीं निवेशकों के लिए चार्टर बनाने का ऐलान किया गया। इसके अलावा बैंकों में जो कर्ज फंसा हुआ है, उसको दूर करने के लिए अलग कंपनी बनाई गई। जिससे बैंकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर में ढेर सारी नौकरियां निकलने की संभावनाएं है।
नौकरीपेशा लोगों की उम्मीदों पर फिरा पानी
नौकरीपेशा लोगों के बजट खराब रहा। ऐसे उम्मीद थी कि बजट से धारा 80सी के तहत छूट की सीमा बढ़ेगी। साथ में 2.5 लाख रुपये तक की कमाई पर मिलने वाली छूट भी बढ़ने की आशंका थीं। ऐसी उम्मीद इस वजह से थी क्योंकि 7 सालों से इसमें बढ़ोतरी नहीं हुई। आखिरी बार जुलाई 2014 में ये टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख कर दिया गया था और धारा 80सी के तहत निवेश पर टैक्स छूट की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये की गई थी।
आम आदमी के लिए भी कुछ खास नहीं
आम आदमी के लिए भी बजट खास नहीं राहत। आम जनता को थोड़ी राहत तो जरूर बजट के जरिए देने की हुई, लेकिन कोई बड़ा ऐलान। उल्टा मोबाइल उपकरण पर 2.5 फीसदी तक कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई। हालांकि कॉपर, स्टील से ड्यूटी घटी। सोना-चांदी से भी कस्टम ड्यूटी को घटाया गया। वहीं पेट्रोल-डीजल पर कृषि सेस लगाया गया। डीजल पर 4 रुपये और पेट्रोल पर ढाई रुपये का सेस लगाया गया। लेकिन कहा ये भी जा रहा है कि सेस कंपनियों को देना होगा, जिसका असर आम लोगों पर नहीं पड़ेगा।
महिलाओं के लिए भी कुछ नहीं
वित्त मंत्री से ये उम्मीद की जा रही थीं कि वो इस बजट में महिलाओं के लिए कुछ खास करेगीं। ऐसी संभावनाएं थीं कि महिलाओं को और मजबूत करने की कोशिश होगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बजट में महिलाओं पर खास ध्यान नहीं दिया गया।