BPSC Students Protest Bihar: बिहार में बीपीएससी परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर छात्रों का आंदोलन दिन-ब-दिन तेज होता जा रहा है। छात्रों के इस आक्रोश को अब राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर छात्रों के इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं और अब गांधी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। वहीं, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने इस आंदोलन को ‘ड्रामा’ करार दिया है और आंदोलन को तेज करने के लिए ट्रेन रोको और बिहार बंद का ऐलान किया है।
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सचिवालय हॉल्ट पर ट्रेन रोकने की योजना- BPSC Students Protest Bihar
छात्रों के समर्थन में पप्पू यादव ने पटना के सचिवालय हॉल्ट पर ट्रेन रोकने की योजना बनाई है। इस प्रदर्शन का उद्देश्य सरकार तक अपनी मांगों की आवाज पहुंचाना है। पप्पू यादव के समर्थक छात्रों ने चक्का जाम करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आंदोलनकारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, उनका विरोध जारी रहेगा।
सूत्रों के अनुसार, पप्पू यादव स्वयं इस प्रदर्शन में शामिल होने वाले हैं। उन्होंने कहा, “यदि सरकार हमारी मांगों को नजरअंदाज करती है, तो शनिवार को बिहार बंद का आयोजन किया जाएगा।”
प्रशांत किशोर का अनशन और विवाद
26 दिसंबर से छात्रों का समर्थन कर रहे प्रशांत किशोर अब गांधी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। प्रशांत किशोर का कहना है कि उनकी लड़ाई छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए है। उन्होंने पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की निंदा की और कहा कि वे छात्रों के साथ खड़े हैं।
हालांकि, आंदोलनकारी छात्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर ने उनका साथ बीच में छोड़ दिया। प्रदर्शनकारियों ने उनके खिलाफ “चोर-चोर” के नारे भी लगाए। छात्रों का आरोप है कि प्रशांत किशोर ने केवल राजनीतिक फायदा उठाने के लिए उनका समर्थन किया और उनकी समस्याओं पर सही तरीके से ध्यान नहीं दिया।
प्रशांत किशोर ने इन आरोपों पर सफाई देते हुए कहा, “मैं आंदोलनकारियों से मिलने गया था और पूरी तरह से उनके साथ हूं। मेरे हटने के बाद ही लाठीचार्ज हुआ। मैंने किसी भी परिस्थिति से भागने की कोशिश नहीं की।”
पप्पू यादव का हमला: “प्रशांत किशोर का अनशन दिखावा”
सांसद पप्पू यादव ने प्रशांत किशोर के अनशन को “दिखावा” बताते हुए उन पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “प्रशांत किशोर केवल मीडिया के लिए यह ड्रामा कर रहे हैं। वह दिन में खाना खाकर अनशन का नाटक करते हैं। अगर उन्हें वास्तव में छात्रों की चिंता होती, तो वह उनके साथ सड़कों पर प्रदर्शन करते।”
पप्पू यादव ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी जल्द ही छात्रों के समर्थन में बिहार आएंगे। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार को छात्रों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए और परीक्षा प्रक्रिया में सुधार करना चाहिए।
छात्रों के आंदोलन की मुख्य मांगें
छात्रों की प्रमुख मांग है कि BPSC परीक्षा को रद्द किया जाए और परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए। उनका कहना है कि परीक्षा में अनियमितताएं हुई हैं और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। छात्र संगठनों ने नीतीश सरकार पर उनकी समस्याओं को अनदेखा करने का आरोप लगाया है। पुलिस द्वारा वाटर कैनन और लाठीचार्ज के इस्तेमाल ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
क्या आंदोलन को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है?
छात्र आंदोलन को अब राजनीतिक समर्थन मिलने के बाद इसे राजनीतिक रंग दिए जाने के आरोप भी लग रहे हैं। प्रशांत किशोर और पप्पू यादव के बयानों के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ने आंदोलन को और जटिल बना दिया है। प्रशांत किशोर का अनशन और छात्रों के बीच उनकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, पप्पू यादव का रेल रोकने और बिहार बंद का ऐलान इस आंदोलन को और बड़ा बना सकता है।
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
नीतीश सरकार ने अभी तक छात्रों की मांगों पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा। BPSC परीक्षा का विवाद न केवल छात्रों के भविष्य का सवाल है, बल्कि राज्य की परीक्षा प्रक्रिया और उसकी पारदर्शिता पर भी सवाल खड़ा करता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और आंदोलनकारियों के बीच यह विवाद कैसे सुलझता है।