बीजेपी के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी तमाम मुद्दों पर पिछले कुछ महीनों से अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े करते दिख रहे हैं। चीनी अतिक्रमण को लेकर उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोला, वैक्सीन पॉलिसी को लेकर प्रतिक्रिया दी…तो वहीं, कोरोना को लेकर चीन से सवाल नहीं करने पर भी मोदी सरकार को लपेटे में लिया।
अपनी बेबाक और वाजिब बोल के साथ वह आये दिन तमाम मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया देते दिख जाते हैं। इसी बीच उन्होंने बीजेपी शासित हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय को पत्र लिखा है और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल डलहौजी का नाम बदलने की मांग की है।
नेताजी के नाम पर रखा जाए डलहौजी शहर का नाम
राज्य सभा सांसद और मशहूर अर्थशास्त्री सुब्रमण्यम स्वामी ने हिमाचल प्रदेश के डलहौजी शहर का नाम महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखने की मांग की है। उत्तराखंड के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय को लिखे पत्र में स्वामी ने कहा कि मेरे सहयोगी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के सिनियर एडवोकेट अजय जग्गा की पुरानी मांग पर विचार करते हुए इस शहर का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर कर दिया जाए।
स्वामी ने की 1992 के नोटिफिकेशन को लागू करने की मांग
सुब्रमण्यम स्वामी ने आगे लिखा कि साल 1992 में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के द्वारा इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी किया गया था। लेकिन बाद में वीरभद्र सिंह की ओर से उस नोटिफिकेशन को रद्द कर आदेश को पलट दिया गया था।
उन्होंने अपने पत्र में हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट अजय जग्गा का जिक्र करते हुए कहा कि नाम परिवर्तन को लेकर उन्होंने अपने पत्र में विस्तार से बताया है। उन्होंने राज्यपाल से मांग करते हुए कहा कि नाम परिवर्तन को लेकर वो मुख्यमंत्री को आदेश जारी करें और साल 1992 के नोटिफिकेशन को लागू किया जाए।
सोशल मीडिया पर आ रही तरह-तरह की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर सुब्रमण्यम स्वामी की इस मांग की जमकर सराहना हो रही है। लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इस शहर का नाम डलहौजी के नाम पर होने से काफी ज्यादा संख्या में विदेशी पर्यटक यहां पहुंचते हैं। जिससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। तो वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि नाम बदलने से पर्यटन व्यवसाय में काफी तेजी आ सकती है।
इस ब्रिटिश गवर्नर ने कराया था डलहौजी शहर का निर्माण
बता दें, हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित डलहौजी एक टूरिस्ट स्पॉट है। इसका निर्माण अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान साल 1854 में ब्रिटिश गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी ने कराया था। 5 पहाड़ियां (कैथलॉग पोट्रेस, बकरोटा, तेहरा और बोलुन) से बाहर फैला यह शहर काफी मनमोहक है। 1873 में रवींद्र नाथ टैगोर डलहौजी आए थे। जिसके बाद साल 1937 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी डलहौजी पहुंचे थे। देश को आजाद हुए 74 साल हो गए लेकिन आज भी उस शहर का नाम डलहौजी ही है। जिसे अब सुब्रमण्यम स्वामी ने बदलने की मांग की है।