महामारी कोरोना के भयंकर कहर के बीच वैक्सीनेशन ही इससे निपटने का सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है। देश में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने की कोशिशें लगातार जारी है। लेकिन इस बीच वैक्सीन की कमी अभियान में अड़चन बन रहा है। कई राज्य इस वक्त वैक्सीन की कमी का सामना कर रहे है।
इसमें दिल्ली भी शामिल है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार लगातार वैक्सीन की कमी की बात कहती नजर आ रही है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार को वैक्सीन का फॉर्मूला शेयर करने का सुझाव केंद्र को दिया। केजरीवाल ने कहा कि देश में सिर्फ 2 ही कंपनियों को वैक्सीन नहीं बनानी चाहिए। वैक्सीन का फॉर्मूला उन सभी कंपनियों को दिया जाना चाहिए, जो इसे बनाना चाहती है। इससे देश में इसका उत्पादन बढ़ जाएगा।
फॉर्मूला शेयर करने पर क्या बोली बीजेपी?
केजरीवाल के इस फॉर्मूले को लेकर अब बीजेपी की तरफ से भी जवाब आया है। बीजेपी ने प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा- “लगातार मांग उठ रही है कि अनिवार्य लाइसेंसिंग के प्रावधान को लागू किया जाए। आप जो ये चिट्ठी-चिट्ठी खेल रहे हैं, उसका जवाब देता हूं। दिल्ली की सरकार की तरफ से ये लगातार मांग उठ रही है कि वैक्सीन का फॉर्मूला शेयर किया जाए, जिससे दूसरी कंपनियां भी इसे बनाएं। ये ऐसा फॉर्मूला नहीं, जिसे किसी को भी दे दिया जाए और उसने घर पर ही वैक्सीन बना ली। या कोई भी कंपनी अपने घर में वैक्सीन बना लें। इसके पीछे कई सारे विषय होते हैं, जिन पर काम करने की जरूरत होती है।”
पात्रा ने आगे कहा- “देश के पास अभी दो वैक्सीन है- पहली कोवैक्सीन और दूसरी कोविशील्ड। कोविशील्ड का फॉर्मूला भारत के पास नहीं है। एस्ट्राजेनेका ने सीरम इंस्टीट्यूट को लाइसेंस दिया है। SII को ही भारत में वैक्सीन बनाने की अनुमती है। कंपनी किसी और को वैक्सीन का फॉर्मूला नहीं दे सकती।”
बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा- “कोवैक्सीन के लिए फॉर्मूला बांटने की जरूरत नहीं, क्योंकि इसे सरकार के ICMR ने ही भारत बायोटेक के साथ मिलकर बनाया। इसका फॉर्मूला बांटने में भी अड़चन है। उस वैक्सीन को बनाने की क्षमता देश में केवल भारत बायोटेक के पास ही है। इसके अलावा पेनेशिया नाम की कंपनी के पास भी क्षमता है। सरकार दोनों कंपनियों को मिलाकर बात कर रही है, इस पर जल्द फैसला हो सकता है।”
वैक्सीन विदेश भेजने पर भी दिया जवाब
इसके अलावा वैक्सीन विदेश भेजने के आरोपों पर भी संबित पात्रा की तरफ से जवाब दिया गया। उन्होंने बताया कि 11 मई तक 6.63 करोड़ वैक्सीन की डोज बाहर भेजी गई। जिसमें से सिर्फ एक करोड़ 7 लाख डोज ही मदद के तौर पर भेजी गई। बाक 84 फीसदी वैक्सीन लायबेलिटी के तौर पर भेजी गई, जो आपको करना ही था, चाहे किसी की भी सरकार हो।”
संबित पात्रा ने बताया- “वैक्सीन की 78.5 लाख डोज पड़ोस के 7 देशों को भेजी गईं। दो लाख डोज संयुक्त राष्ट्र के जवानों को दी गईं, क्योंकि भारतीय जवान वहां शांति फोर्स में तैनात हैं। WHO की कोवैक्स संधि के अनुसार भारत को 30 फीसदी वैक्सीन तय दामों पर कई देशों को देनी है, जिन्होंने संधि पर साइन किए। इसके अलावा करीब 14 फीसदी वैक्सीन UK को भी दी, क्योंकि कोविशील्ड का लाइसेंस एस्ट्राजेनेका के पास है। साथ में 12.1 फीसदी वैक्सीन सऊदी अरब गई, क्योंकि वहां भारतीय समुदाय ने बुकिंग के हिसाब से वैक्सीन मंगवाई है।”