पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के बाद से प्रदेश की सियासत में बवाल मचा हुआ है। राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी के नेता एक दूसरे के खिलाफ है। बीजेपी नेताओं की ओर से लगातार प्रदेश की ममता सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
चुनाव के बाद हुई हिंसा के लिए भी बीजेपी ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहरा रही है। इसी बीच पश्चिम बंगाल में बीजेपी सांसदों ने बवाल मचा रखा है! बीजेपी सांसद सौमित्र खान और जॉन बारला के बंगाल विभाजन जैसे विवादित बयानों ने प्रदेश की सियासत में भूचाल मचा दिया है। जिसके बाद बीजेपी सांसदों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पिछले दिनों बीजेपी के इन दोनों सांसदों ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने बंगाल के बाकी हिस्सों की लगातार उपेक्षा की है। इसीलिए उत्तर और दक्षिण बंगाल और रार बंगाल को अलग कर देना चाहिए। विष्णुपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद सौमित्र खान ने कहा है कि ‘वर्षों से जंगलमह इलाके का विकास नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों की मांग तब पूरी होगी, जब इलाके को बंगाल से अलग किया जाए और इसे राज्य का दर्जा दिया जाए।‘
बीजेपी नेता ने आगे कहा, ‘मेरा मानना है कि रोजगार और विकास की मांग को पूरा करने के लिए पुरुलिया, बांकुड़ा, झाड़ग्राम, बीरभूम के कुछ हिस्से तथा दो मेदिनीपुर जिलों और कुछ अन्य क्षेत्रों को मिलाकर जंगलमहल राज्य बनाया जाना चाहिए।‘
बीजेपी ने किया किनारा
बीजेपी सांसदों के ऐसे बयान को लेकर बढ़ते बवाल के बीच बीजेपी ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। बीजेपी प्रवक्ता शौमिक भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी बंगाल के विभाजन की मांग का समर्थन नहीं करती है। राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को अक्षुण्ण रखते हुए हम संपूर्ण और समग्र विकास का समर्थन करते हैं।
बीजेपी बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी बारला और खान के विचारों का समर्थन नहीं करती। बताते चले कि बंगाल को विभाजित करने की बात करने वाले इन दोनों बीजेपी सासंदों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया गया है। खबरों के मुताबिक इन नेताओं पर भड़काऊ बयानों के जरिए कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की धाराएं लगाई गई है।