अफगानिस्तान में दो दशक पुराना वो वक्त लौट आया है, जब देश पर तालिबान का राज था। अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से पीछे हटते ही तालिबान ने कुछ ही दिनों में वहां कब्जा कर लिया। इसके बाद अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी देश छोड़कर चले गए। अब तालिबान अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने की कोशिशों में जुटा है।
तालिबान एक बेहद ही क्रूर आतंकी संगठन है, जिसने 20 साल पहले अफगान में रह रहे लोगों का जीना मुश्किल कर दिया था। तमाम तरह की पाबंदिया लोगों पर लगा दी गई थीं। महिलाओं की आजादी छीन ली गई। जो तालिबान के आदेशों का पालन नहीं करने वालों को ऐसी सख्त सजा दी जाती थी, जिसके बारे में सुनकर ही किसी की भी रूंह कांप उठे।
सरकार की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
अब तालिबान के एक बार फिर लौटने से अफगान के लोगों पर उसी जुल्म का डर सता रहा है। सिर्फ अफगानिस्तान ही नहीं बल्कि दुनियाभर के लोग तालिबान की वापसी से चिंतित है। भारत में भी तालिबान की खबरें इस वक्त सुर्खियों में छाई हुई है। हर तरफ उसको लेकर चर्चाएं हो रही है। लेकिन भारत सरकार के द्वारा इस पूरे संकट को लेकर अब तक अपना रूख साफ नहीं किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं।
बीजेपी सांसद ने ट्वीट कर कही ये बात
अफगानिस्तान मामले पर पीएम की चुप्पी को लेकर सवाल किसी और ने नहीं बल्कि उनके ही पार्टी के एक नेता ने उठाए। बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री चुप रहकर तालिबान और पाकिस्तान दोनों का हौसला बढ़ा रहे हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा- ‘भारत सरकार को मसूद के बेटे और अमरुल्ला सालेह के नेतृत्व वाले स्वतंत्र अफगानिस्तान को मान्यता देने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। वो अफगानिस्तान की पहाड़ियों में हैं और नॉर्दर्न अलायंस को लीड कर रहे हैं। कुछ नहीं करने पर मोदी पाकिस्तान और तालिबान को भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।’
GoI must seriously consider the recognition of a new Free Afghanistan headed by Masood’s son and Amrullah Salah. They are in Afghanistan hills and head what is called Northern Alliance. Not doing anything Modi will encourage Pakistan and their tutees, the Taliban, to harm India
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 24, 2021
क्या वेट एंड वॉच के मूड में है भारत?
गौरतलब है कि अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर भारत की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया। लेकिन हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों इशारों में तालिबान को बड़ा संदेश जरूर दे दिया था। पीएम ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर से जुड़े एक कार्यक्रम में कहा था कि आस्था को आतंक से नहीं कुचला जा सकता। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि आतंक के दम पर साम्राज्य खड़ा करने वालों का अस्तित्व स्थायी नहीं है। उनका ये बयान अफगानिस्तान संकट से जोड़कर देखा गया।
अफगानिस्तान को लेकर भारत अभी वेट एंड वॉच वाले मूड में लग रहा है। हालांकि इस बीच सरकार फिलहाल अफगान में फंसे अपने नागरिकों को देश लाने की कोशिश में हैं। इसके अलावा अफगानिस्तान के हालातों को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई है। 26 अगस्त को सुबह 11 बजे को ये बैठक होगी, जिसमें अफगानिस्तान को लेकर भारत की रणनीति पर चर्चा होने की संभावना है।