लोकसभा चुनाव 2019 मे जीत हासिल कर सरकार बनाने वाली बीजेपी ने बीते दिन बुधवार को मोदी कैबिनेट का पहला विस्तार किया। जिसमें 43 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। पार्टी के कई बड़े नेताओं ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा भी दे दिया।
दिल्ली में हुए इस कैबिनेट विस्तार की आंच पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई है। पश्चिम बंगाल से निशीथ प्रमाणिक, डॉ सुभाष सरकार और शांतनु ठाकुर को मोदी कैबिनेट में जगह मिली। जबकि देवश्री चौधरी और बाबुल सुप्रियो की मंत्रिमंडल से छुट्टी कर दी गई।
इसी बीच पश्चिम बंगाल बीजेपी युवा शाखा के अध्यक्ष सौमित्र खान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को निशाने पर लिया है।
केवल अधिकारी को दी जा रही प्राथमिकता
बीजेपी सांसद सौमित्र खान ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में पार्टी के लिए काफी अच्छा काम किया। उनके संसदीय क्षेत्र में बीजेपी का प्रदर्शन लाजवाब रहा। लेकिन अब पार्टी में मची खलबली को लेकर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
उनका कहना है कि ‘पार्टी केवल एक जगह केंद्रित हो रही है। शुभेंदु बार-बार दिल्ली जाकर उल्टा-पलटा समझा कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि केवल उन्होंने ही बलिदान किया है। हम लोगों ने कुछ नहीं किया है। एक केंद्रित पार्टी हो रही है।‘
सौमित्र खान ने आगे कहा, ‘लॉकेट दीदी (बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी) सहित हमारी लड़ाई करने की मानसिकता है। जिस तरह से अधिकारी अधिकारी किया जा रहा है। उससे पार्टी में असंतोष है, उससे हम बहुत ही दुखी है। बीजेपी एक बड़ी पार्टी है, बीजेपी के साथ रहेंगे। केंद्रीय नेतृत्व को गलत समझाया जा रहा है।’
‘बीजेपी से जलने जैसी गंध आती है’
दूसरी ओर टीएमसी महासचिव कुणाल घोष ने बीजेपी को निशाने पर लिया है। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट करते हुए कहा, ‘बीजेपी से जलने जैसी गंध आती है। दम घुटने का अहसास। युवा नेता से बाहुबली, नेता से डॉक्टर बाबू, भारी उदास मन और असली बीजेपी? इसे संग्रहालय में एक अलग गैलरी में स्मृति चिन्ह के रूप में रखें। शपथ देखकर कई नहीं भटकते !’
पार्टी को दे दिया है स्पष्ट संदेश
बताते चले कि बीजेपी सांसद सौमित्र खान ने पार्टी के युवा शाखा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है लेकिन वह पार्टी में बने रहेंगे और अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। पद से इस्तीफा देकर उन्होंने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अगर किसी एक नेता पर पार्टी का ध्यान केंद्रित होगा तो राज्य बीजेपी में कलह मचेगी और पार्टी में बिखराव हो सकता है।