देश की सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता आये दिन अपने बयानबाजियों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। बीजेपी के कई नेता उत्तर भारत में गाय के मुद्दे पर कई बयान देते हैं! वहीं, दक्षिण के बीजेपी शासित राज्यों में गोमांस पर भी जोर दिया जाता है। देश में इन दिनों कोरोना के साथ-साथ ब्लैकफंगस ने भी तबाही मचा रखी है। देश में कोरोना के मामलों में कमी जरुर आई है लेकिन संक्रमण से होने वाली मौतें कम नहीं हो रही है।
वहीं, दूसरी ओर देश के कई राज्यों में ब्लैंकफंगस के हजारों मामले सामने आए हैं। लोग कोरोना संक्रमण से बचने के लिए देशी उपाय भी अपना रहे हैं। लोगों का मानना है कि गाय का गोबर अपने शरीर पर लगाने और गौमूत्र का सेवन करने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ाई जा सकती है। हालांकि इस दावे को पुष्ट करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोमूत्र या गोबर के उपयोग से शरीर में फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है, जिसे म्यूकोर्मोसिस या ब्लैक फंगस कहा जाता है। लेकिन इस बीच मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कोरोना से बचने के लिए लोगों से गोमूत्र पीने और गाय पालने की अपील की है।
जानें क्या है मामला?
बीते दिन रविवार को बीजेपी के लोकसभा सांसद ने एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा, गो मूत्र अर्क पीने से फेफड़ों का इंफेक्शन दूर होता है। उन्होंने कहा, ‘मैं स्वयं यह लेती हूं इस कारण मुझे कोई दवाई नहीं लेनी पड़ रही है और मुझे कोरोना भी नहीं हुआ।‘
उन्होंने कहा कि सभी लोगों को देसी गाय पालनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो 1 करोड़ पौधे लगाएंगी। बीजेपी नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर भोपाल के संत नगर क्षेत्र में 25 आक्सीजन कंसन्ट्रेटर डॉ हेडगेवार अस्पताल को डोनेट करने पहुंची थीं। उन्होंने कोरोना की इस संकट भरी घड़ी में सावधानी बरतने और कोरोना गाइडलाइन को पालन करने की अपील की है।
मध्यप्रदेश में मिल चुके हैं ब्लैंकफंगस के मामले
बता दें, बीजेपी शासित मध्यप्रदेश में भी हालात कुछ ठीक नहीं है। हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 96,652 पहुंच गई है और संक्रमण के कारण अभी तक 6992 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में ब्लैक फंगस के भी कई मामले सामने आ चुके हैं और मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी भी देखने को मिल रही है।