बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ने बेहतरीन जीत हासिल की और राज्य में सरकार बनाई। जदयू को ज्यादा सफलता नहीं मिलने के बावजूद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया गया। सरकार बनने के बाद से ही एनडीए सरकार में बवाल मचा हुआ है।
नीतीश सरकार के तमाम मंत्रियों के साथ-साथ जदयू और बीजेपी के नेता भी कई मुद्दों पर आमने सामने है। लगभग हर मुद्दे पर बीजेपी और जदयू की राहें जुदा नजर आ रही है। पिछले दिनों बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए तैयार हो रहे बीजेपी के प्लान का खुलासा खुद बीजेपी नेता ने किया, जिसके बाद जदयू की ओर से जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली है।
बीजेपी नेता के बयान पर बवाल
दरअसल, बिहार सरकार के मंत्री सम्राट चौधरी ने वैशाली जिला बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में इस बात का खुलासा कि बीजेपी 2025 में अकेले अपने दम पर बिहार में चुनाव लड़ने और सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। बीजेपी नेता के इस बयान के बाद से ही बिहार की राजनीतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई है। सम्राट सिंह के बयान पर जदयू एमएलसी संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी 2015 में खुद के दम पर चुनाव लड़ कर देख चुकी है और अब 2025 में मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रही है।
नीतीश सरकार में उथल-पुथल की संभावना तेज
बताते चले कि पिछले कुछ दिनों से बीजेपी और जदयू की राय कई मुद्दों पर अलग-अलग देखी जा रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जातिय जनगणना को लेकर अपनी नरम रुख अपनाया तो वहीं, जदयू इस मामले को लेकर हमलावर दिख रही है। खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातिय जनगणना को जरुरी बताते दिख रहे हैं।
वहीं, यूपी सरकार द्वारा लागू किए गए जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर भी नीतीश कुमार की राय बीजेपी से बिल्कुल अलग थी। उन्होंने महिलाओं को साक्षर बनाने पर जोर देते हुए कहा था कि अगर महिलाएं साक्षर होंगी तो प्रजनन दर अपने आप कम होगा।
एनडीए सरकार में चल रही अंदरुनी कलह के बीच इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि आने वाले कुछ ही महीनों में सरकार में उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। हालांकि, कयासों का दौर जारी है, आने वाले समय में स्थिति क्या होगी…इस पर सभी की नजरें टिकी हुई है।