भारतीय जनता पार्टी शासित कर्नाटक की सियासत में हालात कुछ ठीक नहीं है। खबरों की मानें तो राज्य के सीएम बीएस येदियुरप्पा जल्द ही अपने पद से हटाए जा सकते है। 25 जुलाई को बीजेपी हाई कमान की ओर से इसे लेकर आदेश भी जारी किया जा सकती है। बीएस येदियुरप्पा ने खुद स्पष्ट रुप से कहा था कि वह तब तक पद पर बने रहेंगे जब तक बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व उनसे पद छोड़ने को नहीं कह देता।
26 जुलाई को येदियुरप्पा सरकार के दो साल पूरे होने वाले है लेकिन उससे पहले ही उन्हें सीएम की कुर्सी गंवानी पड़ सकती है। इस आर्टिकल में हम चर्चा करेंगे कि बीएस येदियुरप्पा के पद से हटने के बाद बीजेपी किस नेता को राज्य का अगला सीएम बनाएगी।
रेस में एक केंद्रीय मंत्री
दरअसल, कर्नाटक के नए सीएम की रेस में 3 दावेदार है। इसमें पहला नाम है बीजेपी के दिग्गज नेता मुरगेश निरानी का…जो मौजूदा समय में येदियुरप्पा सरकार में खनन मंत्री है। खबरों की मानें तो यह नेता कर्नाटक के बड़े उद्योगपतियों में से एक है। साथ ही लिंगायत समुदाय से आने के कारण सीएम बीएस येदियुरप्पा के पसंद भी है।
इस कड़ी में दूसरा नाम है केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी का…खबरों की मानें तो प्रहलाद जोशी की कार्यशैली केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी को काफी पसंद है। कर्नाटक में ब्राह्मण समुदाय की आबादी करीब 2-3 फीसदी है। ऐसे में कर्नाटक के अगले विधानसभा चुनाव 2023 तक वो नॉन कॉन्ट्रोवर्शियल फेस हो सकते हैं।
सीएम की रेस में तीसरा नाम बीजेपी नेता अरविंद बेलाड का है। यह राज्य के वरिष्ठ नेता चंक्रकांत बेलाड के बेटे है। इनका आरएसएस से काफी जुड़ाव रहा है। इनकी छवि एक साफ-सुथरे नेता की है। दो बार से विधायक अरविंद बेलाड को यंग और स्वच्छ छवि वाले नेता के तौर पर बीजेपी प्रजेंट कर सकती है।
काफी पहले से कर्नाटक की सियासत में मचा है बवाल
बताते चले कि इन तीनों नेताओं के नाम पर चर्चा जोर-शोर से चल रही है। इनके अलावा कर्नाटक के गृहमंत्री बासवराज बोम्मई, कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण और बीचेपी के महासचिव सीटी रवि के नामों पर भी चर्चा हो रही है। 26 जुलाई को सरकार के 2 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में बीएस येदियुरप्पा ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया है।
येदियुरप्पा ने स्पष्ट कर दिया है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर उनके भविष्य के बारे में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व 25 जुलाई को अपना फैसला सुनाएगा। उन्होंने कहा है कि पार्टी जो निर्देश देगी वह आखिरी वक्त तक अपने कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे।
गौरतलब है कि कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन और कथित तौर पर गुटबाजी काफी पहले से चलती आ रही है। प्रदेश सरकार के मंत्री समेत कर्नाटक के तमाम बीजेपी नेता काफी पहले से ही नेतृत्व परिवर्तन की मांग करते आ रहे है। पार्टी के कई विधायकों ने मुखर होकर सार्वजनिक तौर पर नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी।
कुछ नेताओं ने दिल्ली जाकर बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। हाल ही बीएस येदियुरप्पा को भी दिल्ली तलब किया गया था। दिल्ली से लौटने के बाद अब उन्होंने लगभग क्लीयर कर दिया है कि सीएम के रुप में यह उनका आखिरी सप्ताह है।