जब से पंजाब पुलिस ने 6 मई को BJP नेता तेजिंदर सिंह बग्गा (Tajinder Bagga) को हिरासत में लिया तब से देश की राजनीति में बग्गा नाम हर किसी की जुबां पर हैं। टीवी न्यूज़ चैनल हो या सोशल मीडिया हर तरफ Tajinder Bagga की हिरासत से लेकर रिहाई तक की खबरें सुखियों में छाई हैं। बीते कुछ समय से बग्गा ने दिल्ली CM अरविन्द केजरीवाल के कश्मीर फाइल्स फिल्म पर दिल्ली विधान सभा पर दिए गए उनके बयान ”कश्मीर फाइल्स फिल्म को इतने ही टैक्स फ्री दिखने का शौक है तो इस फिल्म को यूट्यूब पर डाल दो, फ्री ही फ्री होजायेगी और सब देख ही लेंगे” पर काफी नाराजगी जताते रहे थे। उन्होंने कहा था कि ”दिल्ली के CM केजरीवाल ने कश्मीरी पंडितों को नीचे दिखाया है और भरी विधानसभा में अपमान किया है”।
उन्होंने इस बयान को लेकर केजरीवाल पर कई आपत्तिजनक ट्वीट्स भी किए थे। बग्गा और केजरीवाल में जुबानी जुंग भी देखने को मिली थी। तेजिंदर बग्गा ने AAP पार्टी के नेता ताहिर हुसैन, अमानतुल्लाह खान और निशा सिंह पर भी कड़े हमले किये थे। ऐसा कहा जा रहा है कि बग्गा की गिरफ़्तारी के पीछे बग्गा के केजरीवाल पर किए गए ट्वीट्स हैं, जिसके कारण पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि अगले ही दिन उन्हें रिहाई भी मिल गई।
कौन है तेजिंदर बग्गा ?
बग्गा भगत सिंह क्रांति सेना के संस्थापक सदस्य हैं, जो एक राष्ट्रवादी दक्षिणपंथी संगठन है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। ये एक ऑनलाइन टी-शर्ट स्टोर tshirtbhaiya.com चलाते है। इनके पास एक क्लोथिंग लाइन है, जो देशभक्ति और राष्ट्रवाद से जुड़ी टी-शर्ट बेचती है। बग्गा के लिए हमेशा देश के सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे चिंता का विषय रहे हैं। बग्गा के इस व्यवसाय को देशभक्ति और राष्ट्रवाद से बहुत लाभ हुआ है। बग्गा ने 2017 में ताइवान से डिप्लोमा किया है।
सुर्ख़ियों में पहली बार कब आए बग्गा?
बग्गा पहली बार 2011 में सुर्खियों में आए थे , जब ये लेखक अरुन्धति राय की किताब ‘ब्रोकेन रिपब्लिक’ के लॉन्च कार्यक्रम में पहुंचकर खूब हंगामा किया था और अरुन्धति राय को कश्मीरी हिन्दू और पंडितों को दुश्मन बताया था।
इस घटना के ठीक एक महीने बाद जब बग्गा ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में वकील प्रशांत भूषण के चेम्बर में घुसकर उनको थप्पड़ मारा था तब बग्गा रातों-रात पूरे न्यूज़ चैनल और सोशल मीडिया पर छा गए थे। हर तरफ बस तेजिंदर सिंह बग्गा की खबरें चल रही थी कि किसने सुप्रीम कोर्ट परिसर में घुस कर प्रशांत भूषण को थप्पड़ मरने की हिमाकत की। प्रशांत किशोर ने बग्गा पर अपने साथ मारपीट करने का केस भी दर्ज किया था। मीडिया ख़बरों की मानें तो ,भूषण ने जम्मू-कश्मीर से सुरक्षा बलों की वापसी की मांग की थी। साथ ही उन्होंने इसके जनमत के आकलन के लिए जनमत संग्रह कराने की भी बात कही थी। बाद में हमला करने वालों ने बग्गा के इसी बयान को हमले की वजह बताया था।
बग्गा पर 2014 में दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में घर में जबरन घुसने और हमला करने की कोशिश का आरोप लगा था। फिर इसके बाद 2018 में इनपर धार्मिक द्वेष फैलाने के मामले में दिल्ली में एक केस दर्ज हुआ था। 2019 के लोकसभा चुनाव में बग्गा पर अमित शाह के रोड शो के दौरान हिंसा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगा था, जिसके चलते बग्गा को कोलकाता पुलिस ने उन्हें हिरासत में भी लिया था। पटियाला हाउस कोर्ट ने बग्गा को 29 नवंबर, 2019 को दंगा कराने की नीयत से भड़काऊ भाषण देने के लिए दोषी ठहराया। इस मामले में इनपर 600 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। गिरफ़्तारी मामले को लेकर बग्गा पर दो राज्यों के बीच विवाद पैदा करने का भी आरोप लग रहा है।