इस समय देश का सबसे बड़ा मुद्दा किसान आंदोलन बना हुआ है। बड़ी संख्या में देश के अन्नदाता बीते डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए है। सरकार और किसानों के बीच का गतिरोध लगातार जारी है। जहां एक तरफ किसान कानून वापसी की मांग पर जस के तस बने हुए है, तो वहीं सरकार भी इसके लिए तैयार नहीं हो रही।
सरकार और किसानों के बीच जारी इस विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी दखल दिया। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई, जिसमें ये संकेत दिए गए कि कानून पर कुछ समय के लिए रोक लगाई जा सकती है। आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट किसान आंदोलन को लेकर बड़ा फैसला सुनाने वाला है।
नहीं थम रहा विवादित बयानों का सिलसिला
इन सबके बीच किसान आंदोलन के मुद्दे को लेकर राजनीति चरम पर है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष के नेता केंद्र सरकार पर हावी है। वहीं इस दौरान विवादित बयानों का सिलसिला भी थम नहीं रहा। किसान आंदोलन को लेकर कई विवादत बयानबाजी अब तक हो चुकी है। हाल ही में बीजेपी के एक नेता ने ये कहा था कि किसानों के इस आंदोलन की वजह से बर्ड फ्लू फैल सकता है। अब इसके बाद एक और बीजेपी नेता के बोल बिगड़ गए।
‘नकली किसान कर रहे ये आंदोलन’
दरअसल, बीजेपी नेता एस मुनीस्वामी ने बड़ा बयान देते हुए ये कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों को इस प्रदर्शन के लिए पैसे दिए जा रहे हैं। उन्होनें कहा कि ये जो प्रदर्शन कर रहे हैं वो बिचौलिए या फिर नकली किसान हैं। ये लोग पिज्जा, बर्गर और केएफसी से खाना खा रहे हैं। इन्होनें वहां पर जिम बनाया हुआ है… इस सब ड्रामे को बंद किया जाना चाहिए। बीजेपी नेता ने ये बयान कर्नाटक के कोलार में दिया।
ये पहला विवादित बयान नहीं, जो बीजेपी नेताओं द्वारा किसान आंदोलन को लेकर दिया गया हो। इससे पहले कई नेता इस तरह की बयानबाजी कर चुके है। इससे पहले राजस्थान से बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने कहा था कि आंदोलन में बैठे लोग रोजाना चिकन बिरयानी, ड्राई फ्रूट खा रहे हैं। जिससे बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ रहा है। इन तथाकथित किसानों को देश की चिंता नहीं। किसान आंदोलन नहीं बल्कि पिकनिक मनाई जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार
गौरतलब है कि बीते दिन ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को किसान आंदोलन को लेकर फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस ने कहा कि जिस तरह से इस पूरे मामले को सरकार ने अब तक संभाला, वो इससे खुश नहीं। लेकिन लगता है कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार का बीजेपी के नेताओं पर असर नहीं हुआ और वो अब भी आंदोलन को लेकर विवादित बयान दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि हमें ये नहीं मालूम कि सरकार की किसानों के साथ क्या बातचीत हो रही है। हमें नहीं पता कि आप समाधान का हिस्सा है या फिर समस्या का?