दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन आती है यानी दिल्ली की कानून व्यवस्था पूरी तरह से केंद्र सरकार के हाथों में है। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार है। लेकिन मौजूदा समय में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र सरकार के अंडर आने वाली दिल्ली पुलिस ही अब दिल्ली में सुरक्षित नहीं है। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने लोगों के साथ मिलकर वर्दी पहने एक हथियारबंद सिपाही की जमकर पिटाई करते दिख रहे हैं।
जानें क्या है मामला?
यह घटना दिल्ली के उत्तम नगर की बताई जा रही है। जहां बीजेपी नेता रिंकू गुप्ता (Rinku Gupta) और उसके साथियों ने मिलकर जिम के अंदर ही पुलिसवाले की पिटाई कर दी। बताया जा रहा है कि घटना के वक्त एक ASI भी मौजूद था लेकिन इसके बाद भी बीजेपी नेता के और उसके लोग सिपाही को लात घूसों से मारते रहे। वर्दी में हथियारबंद सिपाही से मारपीट का यह वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले को गंभीर बताते हुए आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।
रिफार्म नाम से जिम चलाता है आरोपी बीजेपी नेता
खबरों के मुताबिक यह घटना एक अप्रैल की है। जब बीजेपी नेता और उनके लोगों ने पुलिस वाले को लात-घूसे से पीटा। बताया जा रहा है कि पीड़ित पुलिसकर्मी 1 अप्रैल को उत्तम नगर में संजय गुप्ता से मिलने गया था। जहां पुलिसवाले की बहस संजय गुप्ता के भतीजे अश्विनी गुप्ता से हो गई। जिसके बाद पुलिस वाले ने अश्विनी गुप्ता को थप्पड़ जड़ दिया।
इसके बाद संजय गुप्ता के भाई और बीजेपी नेता रिंकू गुप्ता और अन्य लोगों ने सुशील की बुरी तरह पिटाई कर दी। रिंकू गुप्ता उत्तम नगर इलाके में रिफार्म नाम से एक जिम चलाता है। जिसके भीतर ही बीजेपी नेता और उसके लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया।
घटना के 15 दिनों बाद दर्ज हुआ मामला
बता दें, उत्तम नगर के रहने वाले संजय गुप्ता को सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस की ओर से दो PSO मिले है। पीड़ित पुलिसकर्मी का नाम सुशील है, वह संजय गुप्ता का पुराना PSO है। वीडियो वायरल होने के बाद अब तरह-तरह के सवाल निकल कर सामने आ रहे हैं। दिल्ली के भीतर ही दिल्ली पुलिस के साथ कोई घटना घटित हो जाती है और वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में केस दर्ज किया जाता है…
यानी की साफतौर पर पुलिस वाले के साथ घटी इस घटना के 15 दिनों बाद दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया है। जिसे लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने भी इस मामले पर सवाल भी उठाए हैं। यूजर्स का कहना है कि क्या किसी तरह की पॉलिटिकल प्रेशर की वजह से 15 दिनों तक इस मामले में केस दर्ज नहीं की गई थी?