भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और उनके बेटे सुभ्रांशु रॉय ने बीते दिन शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के ऑफिस में टीएमसी का दामन थाम लिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने खुले मन से इन दोनों नेताओं का पार्टी में स्वागत किया।
मुकुल रॉय के रुप में बीजेपी को पश्चिम बंगाल में काफी बड़ा झटका लगा है। खबरों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में टीएमसी से बीजेपी में शामिल हुए कई नेता वापसी की कोशिशों में लगे हुए हैं। ममता बनर्जी ने स्पष्ट रुप से कह दिया है कि गद्दारों के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि पार्टी में और भी लोग शामिल होंगे, जो अच्छे हैं।
‘…कोई बीजेपी में नहीं रहेगा’
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बीजेपी में शामिल हुए मुकुल रॉय अपने बेटे के साथ टीएमसी में लौट आए है। इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा, ‘बंगाल की जो स्थिति है, कोई बीजेपी में नहीं रहेगा। हमारी पार्टी बहुत ही शक्तिशाली दल है। मुकुल ने कभी भी चुनाव के समय हमारी पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं बोले थे।‘
सीएम बनर्जी ने स्पष्ट किया, जो चुनाव के समय पार्टी के साथ गद्दारी की है। उसे हम पार्टी में नहीं लेंगे, जो बीजेपी ने किया है वह हम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि टीएमसी में और भी लोग शामिल होंगे।
‘मुकुल रॉय घर के लड़के हैं और घर वापस लौटे हैं’
ममता ने कहा, मुकुल रॉय बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे। वहां उनका राजनीतिक सम्मान नहीं था, ओल्ड-गोल्ड होता है। सही समय पर उन्हें महत्वपूर्ण पद देंगे। उन्होंने आगे कहा कि ‘मुकुल रॉय घर के लड़के हैं और घर वापस लौटे हैं। धमका कर और चमका कर उन्हें (बीजेपी में) शामिल करवाया गया था लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ है।‘
सीएम बनर्जी ने मुकुल रॉय को लेकर बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा, मुकुल रॉय को बीजेपी में धमकी दी गई थी और इसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ा। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री की वापसी साबित करती है कि बीजेपी किसी को भी चैन से नहीं रहने देती और सब पर अनुचित दबाव डालती है। ममता और रॉय दोनों ने दावा किया कि कभी भी कोई मतभेद नहीं था।