देश में पेगासस मामले को लेकर सियासत चरम पर है। सदन में विपक्षी पार्टियों की ओर से आये दिन इस मामले पर चर्चा कराए जाने की मांग की जा रही है। जिसके चलते सदन में जमकर बवाल देखने को मिल रहा है।
विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ बीजेपी के कई नेता और मोदी सरकार की सहयोगी पार्टियों ने भी इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। हाल ही में पूर्व राज्यपाल और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कप्तान सिंह सोलंकी ने पेगासस मामले में जांच का समर्थन किया।
तो वहीं, एनडीए गठबंधन में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जदयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस मसले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने भी पेगासस मामले की जांच की मांग की है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कही ये बात
बीजेपी नेता कप्तान सिंह सोलंकी ने सदन में मचे बवाल को लेकर कहा कि संसद का गतिरोध दूर करने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष को आपसी बातचीत से कोई रास्ता निकालना चाहिए। उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान यह बात कही।
हरियाणा और त्रिपुरा के राज्यपाल के रुप में काम कर चुके सोलंकी ने कहा, ‘लोकतंत्र आपसी विश्वास पर टिका है और दूसरा इसकी निजता की सुरक्षा होनी चाहिए। पेगासस का मुद्दा विदेशी एजेंसियों ने उठाया है। इसमें दोनों पक्षों के सांसदों, पत्रकारों सहित कई लोगों के नाम हैं।‘
उन्होंने कहा, ‘इससे एक प्रकार का अविश्वास पैदा हो गया है। इसमें सच क्या है, इसकी जांच होनी चाहिए। जिन दो एजेंसियों ने यह समाचार छापा है, उनसे इसका स्रोत पूछा जाना चाहिए, ताकि यदि कुछ है तो सामने आएगा और अगर वह झूठ है तो उसका पर्दाफाश होगा और फिर मामला खत्म हो जाएगा।‘
‘इस मामले की पूरी तरह से होनी चाहिए जांच’
दूसरी ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस मसले पर पहली बार स्पष्ट तौर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मीडिया द्वारा इस मसले पर पूछे गए सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा, ‘क्या हुआ है और क्या नहीं इस पर संसद में लोग बातचीत कर रहे हैं। लेकिन इस मामले की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए कि कौन किसके फोन को पूरी तरह से सुन रहे हैं ताकि जो भी सच्चाई है वो सामने आ जाए। कभी भी किसी को डिस्टर्ब करने के लिए कोई इस तरह का काम करता है, तो ये नहीं होना चाहिए।‘
उन्होंने आगे कहा, ये पूरा मामला क्या है इस बात की हमें पूरे तौर पर जानकारी नहीं है। जो बात सामने आ रही है, वो ही हमलोग पढ़ और देख रहे हैं। लेकिन मेरे हिसाब से अगर ऐसा हुआ है तो गलत है। सीएम नीतीश ने कहा, केंद्र सरकार अगर नकार रही है तो उसे पूरे मामले को सामने रखना चाहिए।