पश्चिम बंगाल की सियासत में उथल पुथल जारी है। विधानसभा चुनाव 2021 में जीत हासिल कर सरकार बनाने वाली ममता बनर्जी पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं। बंगाल में हुई हिंसा को लेकर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी की ओर से लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं। कई बीजेपी नेता अभी तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर चुके हैं।
294 विधानसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में 213 सीटों पर जीत हासिल कर पूर्ण बहुमत वाली टीएमसी की सरकार को बर्खास्त करने की मांग हो रही है। इसी बीच बीजेपी महासचिव और वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि मौजूदा हिंसा की घटनाओं को देखते हुए बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगने जैसी स्थिति है।
45 कार्यकर्ताओं की हो चुकी है हत्या
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘जो सरकार 213 सीटें लाकर डेढ़ महीने पहले जनमत जीती हो वहां राष्ट्रपति शासन लगाना प्रथमदृष्टया अभी उचित नहीं लगता, लेकिन हालात ऐसे ही हैं। विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से बंगाल में आज तक भारतीय जनता पार्टी के 45 कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। वहां भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को पीटा जा रहा है, वहां हिंसा की राजनीति बहुत है।’
विजयवर्गीय ने MP की सियासत पर की टिप्पणी
बीजेपी नेता ने आगे कहा, ‘सैकड़ों महिलाओं के साथ बलात्कार हो जाए और पुलिस रिपोर्ट नहीं लिखे, मैं समझता हूं कि ये तो राष्ट्रपति शासन लगने जैसी स्थिति है।‘ इस दौरान उन्होंने बीजेपी शासित मध्यप्रदेश की सियासत में उठा पटक की अटकलों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश में आज की बात करें तो शिवराज सिंह चौहान हमारे नेता हैं और उनके नेतृत्व में सरकार बहुत अच्छी चल रही है। वे अनुभवी नेता हैं। अभी परिवर्तन के बारे में कोई चर्चा नहीं है।‘
बंगाल में नहीं घट रही राजनीतिक हिंसा
बता दें, पश्चिम बंगाल में काफी पहले से ही टीएमसी और बीजेपी के कार्यकर्ताओं में झड़प की खबर सामने आती रहती है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के नतीजों के घोषणा के बाद प्रदेश के कई इलाकों में हिंसा की घटनाएं सामने आई थी। तब ममता बनर्जी ने यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया था कि उस समय कानून व्यवस्था चुनाव आयोग के हाथों में थी।
चुनावी नतीजों की घोषणा के बाद से बीजेपी लगातार बंगाल में राजनीतिक हिंसा का आरोप लगा रही है। पिछले दिनों प्रदेश के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीएम बनर्जी को पत्र लिखकर राजनीतिक हिंसा पर लगाम लगाने की बात कही थी। जिसके बाद ममता बनर्जी ने बीते दिन गुरुवार को साफ कर दिया कि बंगाल में कोई राजनीतिक हिंसा नहीं घट रही है।