देश के सर्वोच्च न्यायालय ने राम मंदिर को लेकर नवंबर 2019 में ही अपना फैसला सुना दिया था। पिछले साल 5 अगस्त 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण की आधारशीला रखी, जिसके बाद से निर्माण का काम भी प्रारंभ हो गया है। राम मंदिर के मसले का तो सुप्रीम कोर्ट ने समाधान निकाल दिया लेकिन इसे लेकर सियासत अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है।
पिछले दिनों बीजेपी के दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा था कि अगर बीजेपी नहीं होती तो भगवान राम समुद्र में होते। उनके इस बयान पर देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से आपत्ति जताई गई थी और कहा था कि कटारिया बीजेपी को भगवान राम से बड़ा बता रहे हैं। इस मामले पर राजनीति बढ़ते देख अब खुद गुलाबचंद कटारिया ने अपनी सफाई दी है।
जानें क्या है मामला?
बीजेपी नेता ने कहा, अगर लालकृष्ण आडवाणी रथयात्रा नहीं निकालते तो भगवान राम का आज यह सम्मान नहीं हो पाता और मंदिर भी नहीं बन पाता। उन्होंने स्पष्ट किया कि राम को लेकर दिए गए बयान में उनकी पीड़ा था कि अगर बीजेपी आंदोलन नहीं करती तो राम को सम्मान नहीं मिल पाता। इसके पीछे भगवान राम का अपमान करना उनका मकसद नहीं था।
दरअसल, पिछले दिनों एक कार्यक्रम में गुलाबचंद कटारिया ने कहा था कि बीजेपी नहीं होती तो भगवान राम समुद्र में होते। सड़क नालियां तो बन जाएंगी, अगर देश नहीं बचा तो भगवान आपको कोसेंगे। उनके इस बयान पर जमकर सियासत हुई थी और कांग्रेस पार्टी की ओर से कई तरह के सवाल उठाए गए थे।
जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा राम मंदिर
इस मसले पर कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा गया था कि बीजेपी नेता अपनी पार्टी को भगवान राम से बड़ा बता रहे हैं। साथ ही कांग्रेस ने कटारिया के बयान पर बीजेपी से जवाब भी मांगा था कि क्या वह उनके बयान से सहमत हैं। हालांकि, अब खुद बीजेपी नेता ने सामने आकर इस मसले पर अपनी सफाई पेश की है।
गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम जोर-शोर से चल रहा है। बीजेपी शासित यूपी की योगी सरकार भी इस पर विशेष ध्यान दे रही है। खबरों की मानें तो साल 2023-24 तक पूरा मंदिर और परिसर अच्छी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा।