अजमेर दरगाह गैंगरेप कांड – भारत देश में कई मुद्दों पर फिल्म बन चुकी है कई फिल्में हैं जिनका खूब विरोध किया जाता है और इस वजह से फिल्म बैन भी हो जाती है. तो वहीं कई ऐसी फ़िल्में हैं जिन्हें जो विरोध के बाद खूब चलती है और इस दौरान देश के लोगों को पता चलता है कि देश में ऐसा भी कुछ हुआ था. हाल ही में फिल्म द केरला स्टोरी खूब चर्चा में रही इस फिल्म को कई जगहों पर टैक्स फ्री कर दिया गया तो कई जगहों पर ये फिल्म बैन हो गयी और वजह से इस फिल्म कुछ चीजें गलत तरह से दिखाई गयी है. वहीं अब एक फिल्म आने वाली है जिसकी वजह से अजमेर दरगाह के खादिम का गैंगरेप कांड फिर से चर्चा में आ गया है.
देश के सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल पर बनी फिल्म
दरअसल, परदे पर एक फिल्म आने वाली है और इस फिल्म का नाम अजमेर 92 (Ajmer 92) है और ये फिल्म इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है. इस फिल्म में ट्रेलर लॉन्च हो चुका है लेकिन इस फिल्म के रिलीज़ होने से पहले मुस्लिम संगठनों ने कहा है कि इस फिल्म को बैन किया जाए क्योंकि इसकी वजह से पवित्र अजमेर शरीफ दरगाह पर सवाल खड़े होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यह फिल्म 1992 में हुए देश के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल (Ajmer Sex Scandal Details in Hindi) पर आधारित है, जिसमें अजमेर की 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ गैंगरेप की घटना हुई थी और अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम पर इस घटना के आरोप लगे थे.
अजमेर में हुआ था ये सेक्स स्कैंडल
21 अप्रैल 1992 में एक अखबार ने बड़ा खुलासा किया और बताया गया कि अजमेर में रसूखदार परिवारों के लोगों ने स्कूल और कॉलेज की 100 से ज्यादा लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर उनका यौन शोषण किया है साथ ही ये भी दावा किया गया कि इनमें से कई लड़कियों के साथ गैंगरेप भी किया गया लेकिन ये मामला कुछ ही दिनों तक चर्चा में रहा. वहीं इसके बाद 15 मई को अखबार ने कई लड़कियों की तस्वीरों को धुंधलाकर छापा और उनके बयान भी लिखे जिसके बाद ये मामला देशभर में चर्चा का विषय बन गया.
न्यूड फोटो और MMS दिखाकर किया गया था यौन शोषण
Ajmer Dargah Gangrape Kand Details in Hindi – अखबार में छपे लड़कियों बयान के अनुसार, शहर के कुछ रसूखदार परिवार के लोगों ने न्यूड फोटो और एमएमएस दिखाकर उनका यौन शोषण किया. इसके बाद उन्हें डराया और धमकाया जाने लगा. लड़कियों पर उनकी सहेलियों को साथ लाने का भी दबाव बनाया जाता, ऐसा नहीं करने पर उनके अश्लील फोटो घर वालों को दिखाने सहित अन्य तरह की धमकियां भी दी जाती थीं. लड़कियां खुद को बचाने के लिए अपनी सहेलियों को ले जाती थीं. इस तरह आरोपियों ने एक-एक कर 100 से ज्यादा लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर उनका यौन शोषण किया. इस दौरान कई लड़कियों के साथ गैंगरेप भी किया गया.
वहीँ जब इस मामले की जाँच शुरू हुई तब खुलासा हुआ कि आरोपी लड़कियों की अश्लील तस्वीरें एक लैब पर धुलवाते थे. लैब के कर्मचारी ने भी उन लड़कियों को धमकाना शुरू कर दिया. इसके बाद उसने भी कई लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया. वहीँ जब ये मामला चर्चा में आया और इस मामले को लेकर कई सारे खुलासे होने के बाद कई लड़कियों ने आत्महत्या कर ली तो वहीं शहर की लड़कियों से कोई शादी करने के लिए भी तैयार नहीं था.
अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम पर लगा यौन शोषण के आरोप
इसी के साथ इस मामले की जांच आगे बढ़ी और इस दौरान खुलासा हुआ कि इस कांड के आरोपी ज्यादातर आरोपी रसूखदार परिवार के थे. अजमेर के सबसे चर्चित चिश्ती परिवार का नाम भी इस कांड का जुड़ा और कहा जाता है कि इस कांड की शुरुआत सोफिया नाम के रेस्टोरेंट से हुई और इस कांड में रसूखदार परिवारनफीस चिश्ती, फारूक चिश्ती और अनवर चिश्ती को आरोपी बनाया.
सोफिया नाम का रेस्टोरेंट से शुरू हुआ ये कांड
एक रिपोर्ट के अनुसार. अजमेर में एक सोफिया नाम का रेस्टोरेंट से था और रसूखदार परिवार नफीस चिश्ती और फारूक चिश्ती जिनकी अय्याशियां अजमेर में काफी मशहूर थी. वो अजमेर शरीफ दरगाह की देखरेख के अलावा वो यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष था. जिसकी वजह से राजनीती में उसकी पकड़ काफी अच्छी थी. इन लोगों ने इस कांड की शुरुआत की. वह अपने कुछ दोस्तों के साथ सोफिया नाम का रेस्टोरेंट आए हुए थे. वहां कुछ अच्छे घरों की लड़कियों का एक ग्रुप आया हुआ था. नफीस चिश्ती के एक दोस्त ने कहा कि आज नफीस का जन्मदिन है इसलिए सब लड़कियों को फ्री आइसक्रीम खिलाई जाएगी और यहाँ से इस कांड की शुरुआत हुई.
फार्म हाउस में दिया रेप की घटना को अंजाम
अजमेर दरगाह गैंगरेप कांड – नफीस के दोस्त इन लड़कियों से एक-एक कॉन्टेक्ट करते रहे. लड़कियों को राजनीतिक फायदा दिलाने के नाम पर ये नफीस चिश्ती से मिलाते और ये मुलाकात नफीस के एक फार्म हाउस पर होती. मुलाकात के नाम पर वहां ले गयी लड़की के साथ नफीस चिश्ती, फारूक चिश्ती और उसके दोस्त रेप करते और उनकी नंगी तस्वीरें खींचते और नंगी तस्वीरें के जरिए उन्हें ब्लैकमेल कर दोस्त को फार्म हाउस में लाने को मजबूर करते और ऐसे ही एक के बाद एक 100 से ज्यादा अच्छे घरों की लड़कियों के साथ ये यौन शोषण किया जाता है.
वहीं इस मामले की जाँच शुरू होने के बाद पुलिस ने 17 लड़कियों की गवाही के बाद 18 लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया. जिनमें से आठ को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई. इस कांड में शामिल कई आरोपी अभी भी फरार हैं, जिन्हें आज तक पकड़ा नहीं जा सका.
फिल्म पर बैन लगाने की मांग
खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने अजमेर 92 फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस फिल्म के जरिए हिंदू मुस्लिमों में नफरत फैलाने की मंशा है. कर्नाटक चुनाव से पहले द केलर स्टोरी फिल्म लाई गई और अब राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले इसे लाया जा रहा है. फिल्म में गरीब नवाज की शान में गुस्ताखी नाकाबिले बर्दाश्त है. इस फिल्म को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती और खादिम समुदाय चिश्ती परिवार से क्यों जोड़ा जा रहा हैं? इसमें सिर्फ राजनीतिक पार्टी कॉलेज के स्टूडेंट्स और कर्मचारी शामिल थे. एक ही समाज के लोगों को टारगेट करना उचित नहीं है.