रिश्वत लेकर संसद में सवाल (Mahua Moitra Cash Query Case) पूछने के आरोपों में घिरी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर बड़ी मुश्किल आने वाली है और अब उनकी संसद सदस्यता रद्द हो सकती है. दरअसल, इस मामले में को लेकर एथिक्स कमेटी की 500 पन्नों की रिपोर्ट भी सामने आ गई है और अब रिपोर्ट के पेश होने के बाद टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर बड़ी मुसीबत आ सकती है.
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जानिए क्या है मामला
ये मामला निशिकांत दुबे द्वारा दायर किया गया मानहानि मामला है जिसमें निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के लिए एक व्यवसायी से ‘रिश्वत’ ली है. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ स्पीकर को खत लिखा था और आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा के संसद की लॉगइन आईडी से एक उद्योगपति को लॉगइन करने का पासवर्ड दिया गया.
वहीं निशिकांत दुबे ने आरोपों की जांच के लिए एक ‘जांच समिति’ गठित करने का भी आग्रह किया और इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा के खिलाफ सवाल पूछने के बदले ‘रिश्वत लेने’ वाले मामले को शिकायत को निचले सदन की आचार समिति के पास भेज दिया है. इसी के साथ इस मामले की सुनवाई की दौरान रियल एस्टेट अरबपति निरंजन हीरानंदानी के बेटे दर्शन हीरानंदानी तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा से जुड़े कैश फॉर क्वेरी विवाद में सरकारी गवाह बन गए और दावा किया कि उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछने के लिए राज्यसभा सांसद महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉगिन का इस्तेमाल किया था.
बिजनेसमैन दर्शन ने किए बड़े खुलासे
वहीं बिजनेसमैन दर्शन ने किए खुलासे आरोपी बिजनेसमैन दर्शन ने अपने हलफनामे में कहा कि कई मौकों पर उसकी महुआ मोइत्रा से मुलाकात हुई थी और वह टीएमसी सांसद से रोजाना से लेकर साप्ताहिक तौर पर बातचीत करता था. उसने हलफनामे में कहा, ‘उन्होंने एक सांसद के रूप में अपनी ईमेल आईडी मेरे साथ साझा की, ताकि मैं उन्हें जानकारी भेज सकूं और वह संसद में सवाल उठा सकें. मैं उनके प्रस्ताव के साथ गया… कुछ जानकारी मेरे साथ साझा की गई, जिसके आधार पर मैंने जरूरत पड़ने पर उनके संसदीय लॉगिन का उपयोग करके प्रश्नों का मसौदा तैयार किया और पोस्ट करना जारी रखा.’
इसी के साथ दर्शन ने यह भी दावा किया कि टीएमसी नेता ने उनसे कई तरह की मदद मांगी. उन्होंने कहा कि कई बार मुझे लगा कि वह मेरा अनुचित फायदा उठा रही हैं और मुझ पर उन चीजों को करने के लिए दबाव डाल रही हैं, जो मैं नहीं चाहता था, लेकिन उपरोक्त कारणों से मेरे पास कोई विकल्प नहीं था..
500 पन्नों की रिपोर्ट की गयी पेश
वहीँ अब इस मामले में एथिक्स कमेटी में शिकायत दर्ज कराई थी और इस मामले पर एथिक्स कमेटी की 500 पन्नों की रिपोर्ट पेश की है. वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि मामले की जांच के बाद संसदीय एथिक्स कमेटी (Parliament Ethics Committee) ने महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस रिपोर्ट में कई सारे और खुलासे ही हैं. इस रिपोर्ट में बताया सांसद महुआ मोइत्रा ने 1 जनवरी 2019 से 30 सितंबर 2023 के बीच 4 बार दुबई का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने लोकसभा लॉगिन क्रेडेंशियल का वहां से 47 बार उपयोग किया गया. इसी के साथ इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कई दस्तावेज सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध नहीं हैं. इनमें मसौदा विधेयक शामिल हैं जो सदस्यों के विचार के लिए पहले से सर्कुलेट किए जाते हैं.रिपोर्ट के अनुसार, लॉगिन क्रेडेंशियल को ऑपरेट करने के लिए इस्तेमाल किया गया आईपी एड्रेस हर बार एक ही था. साथ ही मोइत्रा का कृत्य अनैतिक, संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन और सदन की अवमानना है.
मोइत्रा ने कथित तौर पर कारोबारी हीरानंदानी से नकदी, विलासिता की वस्तुएं, उनके बंगले का नवीनीकरण, यात्रा खर्च और छुट्टियों समेत लाभ की भी मांग की. हीरानंदानी ने मोइत्रा को गिफ्ट दिए, जिसमें एक हर्मीस स्कार्फ, बॉबी ब्राउन मेकअप और उपयोग करने के लिए कार शामिल थी. मोइत्रा ने गिफ्ट स्वीकार करने और हीरानंदानी की कार का उपयोग करने की बात स्वीकार की है.इसी के रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ऐसे तत्व सिस्टम में ऐसा मेटेरियल डाल सकते हैं जो झूठे दस्तावेज या फेक नेरेटिव आदि बनाकर राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं.
वहीं अब इस मामले को लेकर लोकसभा की एथिक्स कमेटी गुरुवार को एक बैठक करेगी. कमेटी अपनी रिपोर्ट स्पीकर बिड़ला को भेजेगी, ज्सिके बाद इस मामले पर फैसला होगा कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा संसद सदस्यता रद्द होती है की नहीं.
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