ISRO ने सफलतापूर्वक ओशियन सैट व भूटान के उपग्रह समेत नौ सैटेलाइट को किया लॉन्च
इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (ISRO) ने सतीश धवन स्पेस सेंटर से एक ओशनसैट -3 सैटेलाइट और 8 नैनो सैटेलाइटों को आज लॉन्च किया है। इस लॉन्च के साथ इसरो ने पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के इस्तेमाल से अपना लेटेस्ट मिशन सफलतापूर्वक पूरा किया। एस सोमनाथ जो की इसरो के चेयरमैन हैं, उन्होंने इस मिशन के सफल होने की पुष्टि की है।
शनिवार, 26 नवंबर को उन्होंने कहा कि, “पीएसएलवी-सी54 (PSLV-C 54) ने अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट को उसके लक्षित ऑर्बिट में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है। इन 9 सैटेलाइटों में 6 प्राइमरी पैसेंजर अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS), और बाकी पिग्गीबैक सैटेलाइट होंगे।
एस. जयशंकर ने बताया द्विपक्षीय सहयोग का नतीजा
इनमें भूटान का भी उपग्रह शामिल है। इस अभियान से आज भारत और भूटान ने द्विपक्षीय सहयोग में ऐतिहासिक आयाम जोड़ा है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मौके पर कहा कि, “भूटान का उपग्रह छोड़कर भारत ने विशेष मित्रता और पड़ोसी देश से रिश्तों में ऐतिहासिक मील का पत्थर पा लिया है। PSLV-C54 रॉकेट ओशियन सैट-3 समेत नौ नैनो उपग्रह ले गया है। इनमें एक भूटान का है।” विदेश मंत्री ने आगे कहा कि इसरो व भूटान के अंतरिक्ष इंजीनियरों व वैज्ञानिकों की समर्पित टीम के साझा प्रयासों से यह मिशन मुमकिन हो सका है।
एस. आर. बीजू जो की इस मिशन के निदेशक हैं, उन्होंने कहा कि, “पीएसएलवी-सी54 मिशन दो घंटे की उड़ान अवधि के बाद सफलतापूर्वक पूरा हुआ।”
2022 के लिए इसरो का आखिरी मिशन
इसरो के लिए इस मिशन को 2022 का आखिरी मिशन बताया जा रहा है। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने इस लॉन्चिंग को लेकर खुशी जाहिर की और देश वासियों को बधाई भी दिया। मिशन नियंत्रण केंद्र में अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि, “मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि ईओएस-06 को लक्षित कक्षा में बखूबी स्थापित करने की उपलब्धि सफलतापूर्वक हासिल कर ली गई है।”उन्होंने आगे कहा, “हमने यह भी देखा कि इस मिशन में सभी चरणों और कार्यों में हमारे रॉकेट ने बेहतर प्रदर्शन दिखाया है। अपनी लंबी यात्रा की श्रृंखला में एक और सफल मिशन के लिए पीएसएलवी की पूरी टीम को बधाई।”
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