उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर में रविवार को तब सनसनी मच गई, जब एक हमलावर धारदार हथियार लिए वहां पहुंच गया। उस व्यक्ति ने मंदिर की सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। इसके बाद आरोपी को हिरासत में लिया गया। इस पूरे मामले को आतंकी घटना से जोड़कर देखा जाने लगा। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने इसे गंभीर साजिश का हिस्सा बताया गया और मामले की जांच शुरू की गई। एटीएस और एसटीएफ दोनों मिलकर हमले की जांच कर रही है।
लैपटॉप से हुए बड़े खुलासे
अब गोरखनाथ मंदिर पर हुए इस हमले की जांच के दौरान इस पर कई बड़े और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। हमलावर अहमद मुर्तजा अब्बासी ने 2015 में मुंबई IIT से केमिकल इंजीनियरिंग की थी। मुर्तजा के पिता का कहना है कि उनका बेटा मानसिक तौर पर अस्थिर है। हालांकि पुलिस ने जब उसके लैपटॉप की छानबीन की तो इसमें कई हैरान करने वाली जानकारियां मिलीं।
जाकिर नाईक की वीडियो देखता था मुर्तजा
इस दौरान पता चला कि हमलावर अहमद मुर्तजा अब्बासी जाकिर नाईक के विचारों से प्रभावित था। वो अपने लैपटॉप में कई बार जाकिर नाईक के भड़काऊ भाषण सुन चुका था। इसके साथ ही मुर्तजा सोशल मीडिया और इंटरनेट पर कुछ ऐसी भी साइट्स से जुड़ा हुआ था, जो प्रतिबंधित है। अब टीम इसकी चल रही है कि वो इनकी गतिविधियों में कितना संलिप्त था। इसके साथ ही जांच में मुर्तजा के कमरे से अरबी भाषा में लिखी एक किताब भी मिली। वहीं, अहमद मुर्तजा अब्बासी के ‘लोन वुल्फ’ अटैक के वीडियो देखने की बात भी सामने आई है।
जांच में ये भी पता चला है कि वो घर से निकलने के बाद नेपाल गया था। वहां से लौटकर उसने महाराजगंज से दो बांका (धारदार हथियार) खरीदे। इन सभी पहलूओं की गहनता से जांच की जा रही है। पुलिस जांच से ये पता चल रहा है कि आरोपी सिरफिरा नहीं था, बल्कि वो किसी बड़ी साजिश के तहत गोरखरपुर मंदिर में घुसना चाह रहा था। वो ऐसा किसके इशारों में कर रहा था, इसको लेकर अब तक ज्यादा जानकारी नहीं सामने आई।
11 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हमलावर
रविवार को हमलावर अहमद मुर्तजा अब्बासी हाथ में हथियार लिए गोरखनाथ मंदिर और थाने के ठीक सामने वाली सड़कों पर दौड़ता रहा। पुलिस और पब्लिक उसे देखकर डर गए और भागते रहे। इस बीच मुर्तजा ने ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा भी लगाया। वो चिल्ला- चिल्ला कर पुलिस वालों से कह रहा था कि ”मैं चाहता हूं कि तुम लोग मुझे गोली मार दो।” इस दौरान ही मुर्तजा को हिरासत में लिया गया और उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 11 अप्रैल तक उसे न्यायिक हिरासत में भेजा है। वहीं पुलिस ने जिस बहादुरी से हमले को विफल किया उसके लिए तीनों बहादुर जवानों को 5-5 लाख रुपए का इनाम देने का ऐलान हुआ।