वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत अब काफी आगे निकल गया है। देश में कोरोना की दो दो वैक्सीन लगनी शुरू हो गई, जिसमें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड शामिल है। 16 जनवरी से वैक्सीन लगाने का महाअभियान शुरू हुआ है और अब तक लाखों लोगों को टीका लगाया जा चुका है।
लेकिन वैक्सीन को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। वैक्सीन के बाद कुछ लोगों में साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं, जिसके चलते लोगों की चिंता बढ़ी हुई है। खासकर की भारत बायोटेक पर लोग ज्यादा सवाल खड़े कर रहे हैं। इसी बीच भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्णा एल्ला ने कोवैक्सीन के 200 फीसदी सुरक्षित होने का दावा किया। साथ ही कंपनी की तरफ से वैक्सीन को लेकर लोगों को चेतावनी भी दी गई है।
इन लोगों को नहीं लगवानी चाहिए वैक्सीन
भारत बायोटेक ने कहा है कि अगर किसी व्यक्ति की इम्युनिटी कमजोर है या फिर वो पहले से किसी गंभीर बीमारी की दवा ले रहे हैं, तो वो लोग अभी कोवैक्सीन ना लगवाएं। कंपनी की ओर से एक फैक्टशीट जारी कर ये बताया गया कि किन-किन लोगों को कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।
सोमवार को भारत बायोटेक ने एक फैक्टशीट के जरिए उन लोगों को कोवैक्सीन नहीं लगवानी की हिदायत दी, जो कुछ समय से बुखार, एलर्जी या फिर ब्लीडिंग डिसऑर्डर की समस्या का सामना करना पड़ रहा हो। इसके अलावा वो लोग जिनकी इम्युनिटी कमजोर है या फिर कोई दवाई ले रहे हैं या जिसका प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर हो सकता है, उनको भी टीका नहीं लगवाने की सलाह दी गई है।
साथ ही भारत बायोटेक ने कहा है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी कोवैक्सीन नहीं लगवा सकती। इसके अलावा किसी ने दूसरी कोई वैक्सीन ली हो या फिर किसी गंभीर बीमारी का सामना कर रहा हो, वो भी टीका ना लगवाएं।
वहीं इससे पहले सरकार ने कहा था कि वो लोग जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, वो भी वैक्सीन लगवा सकते हैं। लेकिन वैक्सीन के ट्रायल के दौरान ऐसे लोगों पर असर थोड़ा कम देखने को मिला। वैसे आमतौर पर कीमोथेरेपी करा रहे कैंसर के पेशेंट, HIV पॉजिटिव लोग और स्टेरॉयर्ड लेने वाले लोग इम्यूनो-सप्रेस्ड होते हैं, यानी इनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है।
वैक्सीन लगवाने के बाद दिखे साइड इफेक्ट तो…
इसके अलावा भारत बायोटेक ने फैक्टशीट में ये भी सलाह दी कि अगर कोवैक्सीन का टीका लगने के बाद किसी व्यक्ति में कोरोना से संक्रमित होने के लक्षण दिखें, तो RT-PCR टेस्ट कराना पड़ेगा। कंपनी ने कहा कि वैक्सीनेशन के बाद कोविड के लक्षण दिखे भी तो वो काफी हल्के होंगे। कोवैक्सीन से एलर्जी होने की भी कम संभावना है। ऐसा केवल रेयर केस में ही हो सकता है।
फैक्टशीट में कहा गया- ‘वैक्सीन लेने के कुछ घंटों बाद कोई साइड इफेक्ट देखने को मिले, या कोरोना के लक्षण दिखाई दें। तो इसके बारे में तुरंत ही वैक्सीन लगाने वालों को जानकारी दे। इसके अलावा वैक्सीन से पहले या फिर बाद में कोई दवा ली हो तो भी इसकी सही और साफ जानकारी दी जाए।’ भारत बायोटेक ने कहा है कि अगर किसी को वैक्सीन का टीका लग जाए तो इसका मतलब ये नहीं कि वो कोरोना से बचाव के लिए निर्धारित दूसरे मानकों का पालन करना बंद कर दें।
कंपनी ने मुआवजा का भी किया ऐलान
इसके अलावा भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन का टीका लगने के बाद साइड इफेक्ट सामने आने पर मुआवजा देने भी बात कही है। कंपनी ने कहा है कि वैक्सीन लगाने वाले शख्स से एक सहमति पत्र पर साइन कराया जाएगा। कोई अनहोनी होती है, तो कंपनी उसका मुआवजा देगी। भारत बायोटेक ने कहा कि कोवैक्सीन लगाने के बाद किसी को स्वास्थ्य संबंधी समस्या होती है, तो सरकारी अस्पताल में देखरेख की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
बता दें कि भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई कोवैक्सीन ट्रायल के तीसरे फेज में हैं। फिलहाल क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे फेज के आंकड़ों को स्टडी किया जा रहा है।