पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु में विधानसभा के चुनाव होने है। शुक्रवार को इसी संबंध में चुनाव आयोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और चुनाव की तारीखों की घोषणा की। वैसे तो इन सभी जगहों पर होने वाले चुनावों की अहमियत काफी ज्यादा है। लेकिन सबसे ज्यादा निगाहें पश्चिम बंगाल पर टिकी हुई हैं।
पश्चिम बंगाल में इस बार 8 चरणों में विधानसभा के चुनाव होंगे, जिसकी शुरुआत 27 मार्च से होगी। पहले फेज के लिए वोटिंग 27 मार्च को होगी, जबकि आखिरी चरण के लिए 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। 2 मई को वोटों की काउंटिंग होगी।
बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी पारा चरम पर पहुंचा हुआ है। बीजेपी ने सत्ताधारी ममता बनर्जी की पार्टी TMC को इन चुनावों में खुली चुनौती दे दी है। बीजेपी जिस अंदाज में बंगाल चुनाव के लिए नजर आ रही है, उसने सत्ता हासिल करने की लड़ाई को काफी दिलचस्प मोड़ दे दिया।
2016 में TMC ने किया था क्लीन स्विप
पश्चिम बंगाल में इस बार 17वीं बार विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। बात अगर पिछली बार की करें तो ममता बनर्जी की पार्टी ने इन चुनावों में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए क्लीन स्वीप कर दिया था। दो तिहाई बहुमत के साथ 2016 में TMC ने बंगाल में सरकार बनाई थीं।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें है। यहां पर सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 148 है। 2016 में TMC ने 294 में से 293 सीटों पर चुनाव लड़ा था। पार्टी का प्रदर्शन कमाल का रहा था। TMC ने 2016 विधानसभा चुनाव के दौरान 211 सीटों पर जीत दर्ज की थीं।
बीजेपी जीती थीं सिर्फ 3 सीट
वहीं बात बीजेपी की करें तो पार्टी का प्रदर्शन 2016 में काफी खराब था। इस दौरान बीजेपी ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। बीजेपी ने 291 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और इसमें से केवल 3 ही सीट जीतने में कामयाब हो पाई थीं। वहीं गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा और तीनों पर जीत दर्ज की। इस बार ये दोनों पार्टियां अलग अलग चुनाव लड़ रही हैं।
दूसरी पार्टियों को क्या था हाल?
बात अगर बात दूसरी पार्टियों की करें तो 2016 में भी कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने मिलकर ही चुनाव लड़ा था। इस दौरान कांग्रेस ने 92 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और पार्टी 44 सीटें जीतने में कामयाब हुई। CPM ने 148 में से 26 सीटों पर जीत 2016 विधानसभा चुनावों के दौरान दर्ज की थीं। साथ में CPI ने 11 सीट पर चुनाव लड़ा और महज एक ही सीट जीतने में कामयाब हुई। साथ में ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक 25 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी और 2 सीटें जीती। वहीं रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने 19 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से पार्टी तीन सीटे अपने नाम करने में कामयाब हुई। वहीं एक निर्दलीय ने भी इन चुनावों में जीत दर्ज की थीं।
इस बार क्या होगा?
अब बात 2021 के चुनावों की करते हैं। 5 साल बीत गए और बंगाल की राजनीति भी एकदम बदल गई। 2016 में महज 3 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी इन चुनावों में 200 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा करती नजर आ रही है। बंगाल चुनाव से पहले ममता बनर्जी को एक के बाद एक कई बड़े झटके अब तक लग चुके हैं। TMC के कई दिग्गज नेता पार्टी का साथ छोड़ बीजेपी में चले गए। जिसमें शुभेंदु अधिकारी समेत कई बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं। वहीं बीजेपी बंगाल में कई ताबड़तोड़ कैंपेन भी चला रही है।
वैसे तो इस बार का बंगाल का मुकाबला सीधे तौर पर TMC vs बीजेपी का ही माना जा रहा है। लेकिन कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां मिलकर इसे त्रिकोणीय मुकाबला बनाने की कोशिश में जुटी हैं। वहीं पिछली बार बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का साथ इस बार TMC को मिल रहा है। साथ में बंगाल चुनाव में AIMIM, जेडीयू, बसपा और आरजेडी ने उतरकर इस सियासी लड़ाई को और दिलचस्प बना दिया। देखना ये काफी मजेदार होगा कि आखिर इस बार बंगाल की सत्ता की चाबी किसके हाथों में लगती है?