भारत के लोग इस समय मालदीव देश का बायकॉट कर रहे हैं क्योंकि मालदीव देश ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के दौरान एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. वहीं इसके बाद जहाँ सरकार ने मालदीव देश के खिलाफ एक्शन लिया तो वहीं बायकॉट मालदीव की मुहिम भी शुरू हो गयी और अब इस मामले को लेकर विवाद शुरू हो गया जिसके बाद अब कहा जा रहा है कि इस विवाद की वजह से मालदीव देश के रिश्ते भारत से खराब हो सकते हैं और इस वजह से मालदीव देश को बड़ा नुकसान हो सकता है. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि अगर भारत ने मालदीव देश को ठुकरा दिया तो मालदीव कैसे बर्बाद हो जायेगा.
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भारत से टूरिज्म बंद होने पर मालदीव को होगा नुकसान
जानकारी के अनुसार, मालदीव की इकोनॉमी टूरिज्म पर डिपेंड है और मालदीव को सबसे ज्यादा टूरिज्म भारत की ओर से ही है. मालदीव की जीडीपी का करीब 28% हिस्सा टूरिज्म का है. जबकि फॉरेन एक्सचेंज में भी करीब 60 फीसदी योगदान टूरिज्म सेक्टर का है. ऐसे में भारत की ओर से मालदीव के लिए टूरिज्म बंद हुआ तो देश को बड़ा नुकसान हो सकता है.
मालदीव और भारत के बीच पिछले वर्ष 500 मिलियन डॉलर से अधिक का कारोबार हुआ था. वहीं मालदीव और भारत के बीच तीन दशक पहले ट्रेड एग्रीमेंट हुआ है. इस एग्रीमेंट के तहत मालदीव भारत से उन वस्तुओं का आयात करता है, जो दूसरे देशों को निर्यात नहीं होता है. इसके अलावा मालदीव के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में भी भारत का पैसा लगा है. साल 2023 में भारत ने मालदीव से जहां 41.02 करोड़ डॉलर का निर्यात किया था, वहीं 61.9 लाख डॉलर का आयात किया था. 2022 में निर्यात का आंकड़ा 49.54 करोड़ डॉलर था, जबकि आयात का आंकड़ा 61.9 लाख डॉलर था.
भारत से ये चीजें लेता है मालदीव
यह द्वीप भारत से मुख्य रूप से स्क्रैप धातुएं आयात करता है. इसके अलावा इंजीनियरिंग गुड्स, औद्योगिक उत्पाद जैसे फार्मास्यूटिकल्स, रडार उपकरण, रॉक बोल्डर और सीमेंट के लिए भारत पर निर्भर है. मालदीव खाने के लिए भारत पर ही निर्भर है. भारत से मालदीव चावल, आटा, मसाले, फल-सब्जियां, चीनी, पोल्ट्री प्रोडक्ट आदि चीजें लेते हैं. इसके साथ ही प्लास्टिक और लकड़ी का समान को भी मालदीव भारत से मंगाता है.
मालदीव को बर्बाद कर रहा है चीन
आपको बता दें, इस पूरे मामले के पीछे चीन का हाथ बताया जा रहा है क्योंकि चीन देश श्रीलंका और पाकिस्तान को कर्ज देकर बर्बाद कर चुका है. और अब चीन की नजर मालदीव पर है जिसे भारत सपोर्ट करता हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में मालदीव ने चीन से भारी कर्ज लिया है. आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल मालदीव की जीडीपी करीब 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की है. जबकि मालदीव के बजट का करीब 10 फीसदी हिस्सा चीन का कर्ज चुकाने में चला जाता है और अब चीन मालदीव में व्यापक स्तर पर निवेश कर रहा है जो मालदीप पर एक कर्ज के जैसा है जो भविष्य में मालदीव के लिए खतरा हो सकता है.
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