ज्ञानवापी मस्जिद की एएसआई रिपोर्ट आ गयी है और इस एएसआई रिपोर्ट में बड़ा दावा किया गया है जिसको लेकर ज्ञानवापी मस्जिद विवाद इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, वाराणसी जिला कोर्ट ने हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षों को एएसआई रिपोर्ट सौंप दी है और इस रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है.
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एएसआई रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
जानकारी के अनुसार, ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आई एएसआई रिपोर्ट के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें हिंदू मंदिर होने का दावा किया. उन्होंने एएसआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ASI ने कहा है कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था. यह ASI का निर्णायक निष्कर्ष है.
वहीं 839 पेज की रिपोर्ट में एएसआई की सर्वे रिपोर्ट में ये पाया गया है कि मस्जिद से पहले वहां हिन्दू मंदिर था, जो तोड़कर मस्जिद बनाई गईस अथ ही एएसआई ने ये पाया है कि हिन्दू मंदिर का स्ट्रक्चर 17वीं शताब्दी में तोड़ा गया है और मस्जिद बनाने में मलबे का उपयोग किया गया है.
इसी के साथ रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि यहाँ के दो तहखानों में हिन्दू देवी-देवताओं का मलबा मिला है साथ ही मस्जिद की पश्चिमी दीवार एक हिन्दू मंदिर का भाग है. वहीं पत्थर पर फारसी में मंदिर तोड़ने में आदेश और तारीख मिली है. महामुक्ति मंडप लिखा पत्थर भी मिला है. विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वजू खाने के सर्वे के लिए मांग करेंगे.
एएसआई रिपोर्ट में बताया गया है कि मंदिर के खंभों को हल्का-फुल्का बदलकर नए ढांचे में उपयोग किया गया है. साथ ही खंभों से नक्काशी मिटाने का भी प्रयास किया गया है. इसी के साथ 32 ऐसे शिलालेख मिले हैं, जो पुराने हिंदू मंदिर के हैं.
रिपोर्ट में किया गया ये दावा
- 2 सितंबर 1669 में मंदिर तोड़ा गया था
- हिन्दू मन्दिर के भग्नावशेष के उपयोग करके मस्ज़िद बनाई गई
- मंदिर होने के 32 से ज्यादा सबूत मिले हैं
- देवनागरी, कन्नड़ और तेलुगु ग्रन्थों के सबूत
- जनार्दन रुद्र और उमेश्वर के नाम से इंक्रिप्सन मिले
- पिलर और प्लास्टर भी प्राचीन हिन्दू मंदिर के ही खम्भे थे. उसी को रियूज किया गया है
- मस्जिद मंदिर के पिलर पर बनाया गया
आपको बता दें, कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे हुआ था. 18 दिसंबर को वाराणसी जिला कोर्ट में एएसआई ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. 24 जनवरी को कोर्ट ने दोनों पक्षों को एएसआई रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था.
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