पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव की तारीख अब
काफी नजदीक आ गई। 27 मार्च से यहां चुनाव शुरू होने जा रहे हैं। चुनावों को लेकर
दिन पर दिन सियासी पारा चढ़ता ही चला जा रहा है। बीजेपी बंगाल में सत्ताधारी ममता
बनर्जी के 10 सालों से चले आ रहे राज को खत्म करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा
रही हैं। बीजेपी इन चुनावों को लेकर लगातार ऐसा दांव चल रही, जिससे TMC को लेकर लगातार झटके लग रहे
हैं।
बीजेपी ने बंगाल चुनाव से ऐसा ही एक बड़ा दांव
चलते हुए बीते दिन अरुण गोविल को अपनी पार्टी में शामिल कराया। अरुण गोविल ही
मशहूर रामानंद सागर के ‘रामायण’
सीरियल में भगवान श्रीराम के रोल में नजर आए थे। भले ही अरुण गोविल
बंगाल नहीं लड़ेंगे, लेकिन वो पार्टी के लिए चुनावी मैदान में उतरकर प्रचार
करेंगे। अरुण गोविल का चुनाव प्रचार करना, बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता
है। ऐसा माना जा रहा है कि इससे राइट विंग
वोटर्स का रुझान पार्टी की तरफ बढ़ सकता है।
वहीं बीते दिन
बीजेपी में शामिल होते ही अरुण गोविल ने ‘जय श्री राम’ नारे को लेकर
ममता बनर्जी पर जमकर बरसे। उन्होनें कहा कि वो ममता बनर्जी की इस नारे को लेकर
चिढ़ की वजह से ही बीजेपी में आए। ये तो आप जानते ही होंगे कि जय श्री राम का नारा
कई बार बंगाल की राजनीति में चर्चाओं का विषय बना है। कई ऐसे मौके आए है जब बीजेपी
ने इसको लेकर ममता बनर्जी पर हमला बोला।
अब इसको लेकर बीजेपी
में शामिल होने के तुरंत बाद अरुण गोविल ने ममता बनर्जी पर निशाना साधा। उन्होनें
कहा कि ‘जय श्री राम‘ कहने में कुछ भी गलत
नहीं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को ‘जय श्री राम‘ के नारे से काफी चिढ़ है, जिस की वजह से ही मैं
बीजेपी में शामिल हुआ। ‘जय श्री राम‘ कोई नारा या फिर राजनीतिक
नारा नहीं, बल्कि ये तो हमारे लिए एक जीवनशैली है, ये हमारी संस्कृति और मूल्यों का द्योतक है।
गौरतलब है कि अरुण
गोविल के इस बयान से तो ये ही लग रहा है कि वो इन मुद्दों को लेकर बंगाल की सीएम
ममता बनर्जी को घेरते नजर आ सकते हैं। अब देखने वाली बात ये होगी कि अरुण गोविल से
बीजेपी को कोई फायदा पश्चिम बंगाल में हो पाता है या नहीं?
आपको जानकारी के लिए
बता दें कि 27 मार्च से पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग शुरू होगी।
8 चरणों में राज्य में चुनाव होने जा रहे हैं। आखिरी चरण के लिए मतदान 29 अप्रैल
को होगा। वहीं 2 मई को ये साफ हो जाएगा कि इस बार जनता ने बंगाल की बागडोर किसके
हाथों में सौंपी हैं।