राजस्थान के भीलवाड़ा से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा महिलाओं के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है। ये धोखाधड़ी करीब 4 करोड़ रुपये की बताई जा रही है। मामला जिले के माण्डलगढ़ क्षेत्र का बताया जा रहा है। अपने साथ हुई धोखाधड़ी के मामले को लेकर बड़ी संख्याओं में महिलाओं ने कलक्टर परिसर के बाहर प्रदर्शन किया।
करोड़ों का लोन लेकर हो गई फरार
महिलाओं की शिकायत के मुताबिक मंजू पाराशर नाम की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने रोजगार के नाम पर उनके साथ ठगी की। मंजू ने महिलाओं के समूह बनाए और इनके पहचान पत्र, आधार कार्ड समेत कई दस्तावेजों को अपने पास रख लिया। वहीं एक बैंक के साथ सांठगांठ कर मंजू ने इन महिलाओं के नाम पर करोड़ों रुपये का लोन ले लिया, जिसके बारे में इन महिलाओं को जानकारी भी नहीं थीं। वो लोन लिए हुए पैसे लेकर फरार हो गई। जब बैंक के द्वारा महिलाओं को लोन चुकाने की बात कही गई, तो वो हैरान रह गए।
‘लोन चुकाने के लिए बैंक वाले कर रहे परेशान’
इस मामले पर एक महिला ने बात करते हुए कहा कि मंजू पाराशर ने सभी महिलाओं के नाम पर लोन लिया हुआ था। हमें इसके बारे में बिलकुल भी सूचना नहीं थी। बैंक वाले लगातार हमें आकर परेशान कर रहे हैं। सभी महिलाओं को नोटिस दिया हुआ है और अकाउंट बंद किए हुए हैं। इनमें से कुछ महिलाएं ऐसी भी है जो गरीब परिवार से है। उनकी पेंशन रोक दी गई, जिसकी वजह से अब उनका खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है। महिलाओं ने बताया कि ये मामला काफी पुराना है। 2017 से मंजू पराशर पैसा लेकर फरार है।
इस पूरे मामले को लेकर बैंक की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में बनी हुई है। इस मामले को लेकर थाने में केस दर्ज कराया जा चुका है। लेकिन महिलाओं का कहना है कि अब तक इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। वहीं बैंक ने भी इन महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है। खातों को सीज कर दिया गया और लोन का पैसा चुकाने का दबाव बनाया जा रहा है। कई महिलाओं की पेंशन तक रूक गई और अब घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है। महिलाओं की मांग है कि बैंक मैनेजर और मंजू पराशर के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए। हालांकि जिला कलेक्टर ने मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का भरोसा दिया है। देखना होगा कि आखिर कब तक इस मामले पर कार्रवाई होती है और पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल पाता है।