आंध्र प्रदेश से एक बेहद हैरान करने वाली खबर आ रही है। यहां मछुआरे हर रोज की तरह मछली पकड़ने जाते हैं लेकिन उन्हें मछली नहीं बल्कि खजाना मिल जाता है। दरअसल, आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में मछुआरों के जाल में 1500 किलो वजनी एक विशाल मछली फंस गई। मछली कोई आम मछली नहीं बल्कि व्हेल शार्क थी। इस विशालकाय मछली का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इतना ही नहीं, यह मछली इतनी बड़ी थी कि इसे क्रेन की मदद से गिलाकलाडिंडी बंदरगाह के तट पर लाया गया। यहां चेन्नई के कारोबारियों ने इसे तुरंत खरीद लिया और वो भी भारी रकम देकर।
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व्हेल शार्क की खासियत
यह मछली इसलिए खास है क्योंकि व्हेल शार्क एक लुप्तप्राय प्रजाति है और अपनी धीमी गति और बड़े आकार के लिए जानी जाती है। 30 अगस्त को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय व्हेल शार्क दिवस मनाया जाता है। इतनी बड़ी मछली मिलने के बाद इसे देखने के लिए बंदरगाह पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। व्हेल शार्क महासागरों के खुले पानी में रहती हैं। गुजरात के समुद्री तट का तापमान उनके लिए उपयुक्त है, जिसके कारण व्हेल शार्क अंडे देने के लिए गुजरात के तट पर आती हैं। इस वजह से व्हेल शार्क को गुजरात की बेटी भी कहा जाता है।
Giant whale shark caught by fishermen in Andhra Pradesh’s Machilipatnam.
The whale shark weighed approximately 1,500 kgs. It was later purchased by some traders in Chennai. #AndhraPradesh pic.twitter.com/XefJgcZvfs
— Vani Mehrotra (@vani_mehrotra) July 29, 2024
दूसरी ओर, व्हेल शार्क आमतौर पर 40 फीट लंबी होती हैं। इनका वजन 40 टन तक होता है। इस विशालकाय मछली का सिर चपटा होता है और इसकी पीठ पर सफेद, पीले या भूरे रंग का चेकरबोर्ड पैटर्न होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि व्हेल शार्क लगभग 60-100 साल तक जीवित रह सकती हैं। व्हेल शार्क दुनिया भर के सभी उष्णकटिबंधीय और गर्म-समशीतोष्ण समुद्रों में पाई जाती हैं। व्हेल शार्क मुख्य रूप से छोटी मछलियों, झींगा और स्क्विड जैसे छोटे जीवों को खाती हैं।
व्हेल शार्क करोड़ों में उल्टी बिकती है
मछुआरे ने बताया कि चेन्नई के व्यापारी इस व्हेल शार्क मछली के लिए बहुत ज़्यादा कीमत चुकाते हैं, जिसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक उपचार के उत्पादन में किया जाता है। यही वजह है कि व्हेल की उल्टी करोड़ों रुपये में बिकती है। व्हेल की उल्टी का इस्तेमाल परफ्यूम बनाने में भी किया जाता है।
बता दें, वर्ष 2000 तक गुजरात राज्य के तट पर व्हेल शार्क का शिकार आम बात थी। प्रसिद्ध कथावाचक मोरारीबापू ने वर्ष 2004 में मांग की थी कि व्हेल संरक्षण के तहत इस अवैध शिकार को रोका जाए। व्हेल शार्क को दुनिया की सबसे बड़ी मछली प्रजाति माना जाता है। यह जलीय जीव 40 से 50 फीट लंबा और 10 से 12 टन वजनी होता है। अगर इसका शिकार न किया जाए तो यह 100 साल तक जीवित रह सकता है।
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