देश इस वक्त एक अदृश्य दुश्मन से जंग लड़ रहा है। कोरोना महामारी ने दूसरी बार देश पर भयंकर अटैक किया। कोरोना की दूसरी लहर पहले से भी कई ज्यादा खतरनाक है। अब ना सिर्फ रोजाना लाखों की संख्या में लोग वायरस के चपेट में आ रहे, बल्कि हजारों लोगों को मौत की नींद भी सुला रहा। रोजाना ही कोरोना की वजह से होने वाली मौत का आंकड़ा बढ़ रहा।
कोरोना महामारी के खिलाफ इस जंग में देश एकजुट होकर लड़ने की कोशिश कर रहा है। अगर आप सोशल मीडिया विशेषकर ट्विटर पर जाकर देखेंगे तो आपको मालूम होगा कि कैसे लोग एक दूसरे की मदद कर रहे हैं। कोई मरीजों के लिए बेड का इंतेजाम करा रहा है, तो कोई ऑक्सीजन समेत दूसरी की व्यवस्था कर रहा है। इस वक्त लोगों की प्राथमिकता सिर्फ यही है कि जितने लोगों की हो सके, जान बचाई सके।
आपदा का उठा रहे फायदे
जहां एक ओर तो इस संकटकाल में लोग एक दूसरे की जमकर मदद कर रहे है, वहीं कुछ लोग इस हालातों का फायदा उठाने की भी कोशिश कर रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो ये बताता है कि कैसे कुछ लोग महामारी के दौर में भी लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर पैसे ऐंठने कोशिश में जुटे हैं।
4 KM के वसूले 10 हजार
पहली बात तो ये कि राजधानी दिल्ली में हर स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाओं की भारी किल्लत हो रही है। हर चीज के लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। चाहे वो एंबुलेंस हो, बेड, ऑक्सीजन या फिर दवाईयां। अगर ये मिल भी रही है तो कई जगहों पर इसके लिए मनमाने पैसे वसूले जा रहे है।
ऐसा ही एक मामला दिल्ली के प्रतीमपुरा से सामने आया, जहां एंबुलेंस से एक मरीज को पीतमपुरा से शालीमार बाग के फोर्टिस अस्पताल ले जाने के 10 हजार रुपये वसूले गए। इतना किराया महज 4 किलोमीटर के लिए लिया गया। सोशल मीडिया पर इसका बिल खूब वायरल हो रहा है, जिसको बाद लोग एंबुलेंस प्रोवाइडर के द्वारा मनमाने पैसे वसूलने के लिए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पीतमपुरा के मुकेश गोयल के मुताबिक रविवार को एक पेशेंट को शालीमार बाग के फोर्टिस अस्पताल लेकर जाना था। इसके लिए एंबुलेंस सर्विस प्रोवाइडर ने उनसे 10 हजार रुपये की मांग की। उस वक्त इमरजेंसी थीं, इसलिए उनको ये पैसे मजबूरी में देने पड़े। अस्पताल पहुंचने के बाद जब एंबुलेंस के ड्राइवर से 10 मिनट इंतेजार करने को कहा। अगर यहां पर पेशेंट को एडमिट नहीं किया जाता, तो उन्हें कहीं और लेकर जाना पड़ेगा। इस पर ड्राइवर बोला कि इसके लिए 10 हजार रुपये और देने पड़ेंगे।
मनमानी पर एक्शन कब?
इस तरह के मामले मानवता को शर्मसार करने वाले है। महामारी के दौर में जब एकजुट होकर इस वायरस को हराने की जरूरत है, तो कुछ लोग इस मुश्किल हालात का भी फायदा उठाने में जुटे हैं। मनमानी वसूली के इस तरह के मामलों पर जल्द से जल्द कोई सख्त एक्शन लेने की जरूरत है, जिससे कोई किसी की मजबूरी का फायदा ना उठाएं।