किसान आंदोलन के समर्थन में जो टूलकिट बनाई गई थी, उसका मामला लगातार सुर्खियों में हुआ है। सोशल मीडिया पर टूलकिट को लेकर हुई दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद ये मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस पूरे विवाद को लेकर सोशल मीडिया दो गुंटों में बंटा हुआ है। एक तरफ तो वो लोग है, जो लोग दिशा रवि की गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए नजर आ रहे है। वहीं दूसरी तरफ कई लोग इस गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए दिशा को रिहा करने की मांग कर रहे हैं।
दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से भी अपनी प्रतिक्रिया दी। एक निजी चैनल के कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि जो लोग अपराधी की उम्र, जेंडर और प्रोफेशन को देखकर अपराध तय किए जाएंगे।
‘अगर FIR गलत है तो…’
गृह मंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि अगर कोई कुछ कर देता है…कोई बड़ा गुनाह कर देता है और मानो कि वो कुछ भी है..तो क्या ये कहना चाहिए कि नेताओं, प्रोफेसरों और किसानों पर मामला दर्ज क्यों किया? ये नया तरीका निकाल लिया गया है। क्या किसी अपराधी की जेंडर, प्रोफेशन या फिर उम्र के हिसाब से ये तय होगा कि FIR दर्ज होगी या फिर नहीं? या ये गुनाह के आधार पर तय किया जाएगा। गृह मंत्री ने आगे ये भी कहा कि देश में अदालत है या नहीं। अगर FIR गलत हैं तो आप अदालत जाकर उसे खारिज करा सकते हैं।
‘जांच पर पूरा भरोसा’
गृह मंत्री आगे बोले कि वो किसान आंदोलन से जुड़ी जांच के मेरिट पर नहीं जाएंगे। ये उनका विषय नहीं। वो बोले कि अधिकारी प्रोफेशनल तरीके से अपने काम को कर रहे हैं। हमें उनकी जांच पर पूरा भरोसा है। इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को खास निर्देश नहीं दिए, जिससे कानून को तोड़-मरोड़ कर कुछ करना पड़े। वो संविधान के मुताबिक काम कर रहे हैं।
शाह ने आगे दिशा रवि की गिरफ्तारी पर सवाल उठाने वालों को जवाब देते हुए कहा कि 21-22 साल के कितने ऐसे युवा होंगे, जो गिरफ्तार होते हैं। फिर एक खास मामले को ही क्यों उठाया जा रहा है। पुलिस के पास कुछ सबूत होंगे ही। दिल्ली पुलिस पेशेवर तरीके से अपने काम को कर रही है। मीडिया भी इसके पीछे चलने लगा है। अगर कुछ गलत लगता है, तो उसके लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया जा सकता है। गृह मंत्री ने आगे कहा कि कानूनी मामलों पर सवाल उठाना आजकल फैशन बन गया। कोई संस्था प्रोफेशनली काम कर रही है, तो उस पर सवाल खड़े नहीं करने चाहिए।