कोरोना महामारी की दूसरी लहर से भारत इस वक्त सबसे ज्यादा प्रभावित है। कोरोना की ये लहर अब सुनामी का रूप लेती जा रही है। देश में रोजाना ही कोरोना के रिकॉर्डतोड़ मामले सामने आ रहे हैं। रविवार को साढ़े तीन लाख के करीब नए केस महज एक दिन में आए है।
पाकिस्तान भी दिखा रहा ‘हमदर्दी’
कोरोना के जिस तरह से तबाही मचाई है, ऐसे हाल में दूसरे देश भारत की मदद के लिए आगे आ रहे है। चाहे वो हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान ही क्यों ना हो। पाकिस्तान ने भी भारत के हालातों पर चिंता दिखाते हुए मदद का हाथ आगे बढ़ाया। पाकिस्तान ने भारत को मदद के तौर पर वेंटिलेटर, बाईपैप मशीनें, डिजिटल एक्सरे मशीन, पीपीई किट समेत दूसरी मेडिकल सामान देने की पेशकश की।
निर्यात हटाने में आनाकानी कर रहा अमेरिका
जहां एक तरफ पाकिस्तान भी ऐसे वक्त में दुश्मनी भूलाकर भारत की मदद करने की बात कह रहा है, तो वहीं इन हालातों में भारत को अपने दोस्त की तरफ से ही धोखा मिल रहा है। जी हां, हम बात अमेरिका की कर रहे हैं। अमेरिका ने वैक्सीन के लिए कच्चे माल के निर्यात में भी आनाकानी कर रहा है। जिसके चलते वो विवादों में घिर गया। सोशल मीडिया पर अमेरिका की इस हरकत का जमकर विरोध होने लगा।
सोशल मीडिया पर लोग कहने लगे कि जब पिछले साल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से Hydroxychloroquine की मांग की तो भारत ने तुरंत मदद पहुंचाई। लेकिन अब जब भारत पर संकट छाया, तो अमेरिका ने मुंह फेर लिया।
भारत की मदद पर ये बोला अमेरिका
आलोचनाओं में घिरने के बाद अब आखिरकार अमेरिका ने भारत की मदद के लिए मुंह खोला। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि उनकी संवेदना भारत के साथ है। साथ में उन्होंने ये भी कहा कि हम भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। वहीं इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भी भारत के प्रति हमदर्दी दिखाते हुए तेजी से मदद का आश्वासन दिया।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि भारत में फैले भीषण कोरोना संक्रमण को लेकर हम मजबूती से भारत के साथ खड़े हैं। हम इस मामले में अपने साझेदार भारत की सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। भारत और भारत के स्वास्थ्यकर्मियों की मदद के लिए अतिरिक्त समर्थन तेजी से मुहैया कराएंगे।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण से जो हालात है, उससे अमेरिका चिंतित है। अपने दोस्त और सहयोगी भारत को अधिक आपूर्ति और समर्थन प्रदान करने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं। इससे वो महामारी से बहादुरी से मुकाबला कर सकेंगे।
अमेरिका की तरफ से दिए गए इन बयानों के बाद ये उम्मीद जताई जा रही है कि अब कोविड वैक्सीन में इस्तेमाल होने वाले कच्चे मा के निर्यात पर लगे बैन को हटा सकता है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अमेरिकी विदेश मंत्री से इसको लेकर कई बार बातचीत की। अब देखना होगा कि इन मुश्किल हालातों में आखिर कब अमेरिका भारत की मदद के लिए आगे आता है और वैक्सीन निर्माण में आ रही इस अड़चन को दूर करता है।