भारत का रक्षा उद्योग (India’s Defence Industry) वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ रहा है और अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया प्रमुख रक्षा खरीदार बनकर उभरे हैं। तीनों ही देश भारतीय रक्षा उपकरणों (Indian Defence Equipment) की बढ़ती गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर भरोसा जता रहे हैं। वहीं अगर भारत के रक्षा निर्यात की बात करें तो इसमें भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पिछले 10 सालों में भारत के रक्षा निर्यात में 30 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। रविवार को आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत इस समय दुनिया भर के 100 से ज्यादा देशों को सैन्य उपकरण निर्यात कर रहा है। ये सौदे न सिर्फ भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहे हैं बल्कि इससे देश की सामरिक क्षमता और वैश्विक स्तर पर इसकी रक्षा तकनीक की साख भी बढ़ रही है। आइए जानते हैं किस देश ने क्या खरीदा:
भारत के रक्षा निर्यात में बढ़ोतरी (India’s Defence Exports)
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 2023-2024 में भारत के रक्षा निर्यात (India’s Defence Exports) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारत ने इस वर्ष अन्य देशों को 21,083 करोड़ रुपये (2.6 बिलियन डॉलर) से अधिक मूल्य के सैन्य हार्डवेयर बेचे हैं। सूत्रों का दावा है कि सरकारी और निजी भारतीय व्यवसाय पहले से ही लगभग 100 देशों को फ़्यूज़, गोला-बारूद और हथियारों सहित बड़ी मात्रा में सैन्य हार्डवेयर निर्यात कर रहे हैं। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, डोर्नियर-228 विमान, तोपें, रडार, आकाश मिसाइल, पिनाका रॉकेट और बख्तरबंद वाहन इन पूर्ण हथियार प्रणालियों और प्लेटफार्मों के कुछ उदाहरण हैं।
रक्षा उत्पादन में तीन गुना की वृद्धि
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, रक्षा क्षेत्र में पहले से ही 16 सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाएँ, 430 लाइसेंस प्राप्त व्यवसाय और 16,000 मध्यम और लघु व्यवसाय हैं, जो दर्शाता है कि रक्षा औद्योगिक आधार बढ़ रहा है। सूत्रों के अनुसार, 2014-15 से देश के रक्षा उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। 2014-2015 से, उत्पादन मूल्य लगभग तीन गुना हो गया है। उनके अनुसार, भारतीय उद्यमों ने हाल के वित्तीय वर्ष में 1,27,265 करोड़ रुपये मूल्य के उपकरण बनाए, जो 2014-15 में 46,429 करोड़ रुपये से अधिक है।
भारत से किस देश ने क्या खरीदा
सूत्रों के अनुसार, लॉकहीड मार्टिन और बोइंग जैसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय रक्षा कंपनियों के लिए भारतीय कंपनियों द्वारा बनाए गए हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर के महत्वपूर्ण कलपुर्जे अमेरिका भेजे जाते हैं। कई सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण फ्रांस को निर्यात किए जाते हैं, जबकि एटीएजीएस आर्टिलरी गन, पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम, स्वाथी वेपन लोकेटिंग रडार और अन्य महत्वपूर्ण सिस्टम आर्मेनिया को निर्यात किए जाते हैं। वहीं, अर्मेनिया भारत से सबसे अधिक हथियार खरीदने वाला देश है।
भारत कौन-कौन से हथियार बना रहा
इस उत्पादन मूल्य का इक्कीस प्रतिशत हिस्सा निजी क्षेत्र से आता है। एलसीए तेजस लड़ाकू विमान (LCA Tejas fighter aircraft), विमान वाहक, युद्धपोत, पनडुब्बी, एमबीटी अर्जुन, एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल, हाई मोबिलिटी व्हीकल, वेपन लोकेटिंग रडार, 3डी टैक्टिकल कंट्रोल रडार, सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो और आकाश मिसाइल सिस्टम देश के सबसे महत्वपूर्ण रक्षा प्लेटफॉर्म में से हैं।