सुप्रीम कोर्ट (SC) ने देश के जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Kahani) और उनके परिवार के सदस्यों को मुंबई में दी गई Z+ सिक्योरिटी (Security) सुरक्षा जारी रखने की केंद्र सरकार को शुक्रवार को अनुमति दे दी। शीर्ष अदालत ने इस मामले में त्रिपुरा हाईकोर्ट में PIL के आधार पर जारी मामले की सुनवाई खारिज कर दिया है। बता दें, इस याचिका में मुकेश अंबानी और उनके परिवार को टॉप कैटेगरी अर्थात Z+ सिक्योरिटी की सुरक्षा देने को लेकर सवाल उठाए गए थे।
मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत को अंबानी परिवार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने दलील देते हुए बताया है कि ‘टॉप बिजनसमैन अपनी सुरक्षा पर होने वाले खर्च का सरकार को भुगतान कर देते हैं।’ पीठ ने कहा कि ऐसी याचिका की सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है, खासकर तब, जब अंबानी परिवार अपनी सुरक्षा पर आने वाले खर्च का भुगतान स्वयं कर रहें हैं। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता विकास साहा की ओर से पेश वकील से पूछा, ‘आपके याचिका दायर करने का औचित्य क्या है और सुरक्षा को लेकर आप इतना क्यों चिंतित हैं? जबकि यह किसी और की सुरक्षा का मसला है।
अंबानी 2013 से ले रहें हैं, Z+ सिक्योरिटी
मुकेश अंबानी को Z+ सुरक्षा कवर की सुविधा केंद्र सरकार ने 2013 से ही दी हुई है। अंबानी देश के ऐसे पहले बिजनेसमैन है, जिन्हें इस तरह का सिक्योरिटी कवर मिला हुआ है, वहीं अंबानी की पत्नी नीता अंबानी को केंद्र सरकार को Y+ सिक्योरिटी मिली है।अम्बानी के तीन बच्चों को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से ग्रेडेड सुरक्षा कवर दिया जाता है।
Z+ सिक्योरिटी क्या है
Z+ सिक्योरिटी (Security) में कम से कम 55 सुरक्षा गार्ड शामिल होते हैं। इनमें से 10 एलीट लेवल के NSG के जवान होते हैं। इनके पास संबंधित व्यक्ति की सुरक्षा के लिए एडवांस हथियार उपलब्ध होते हैं। यह 24 घंटे सुरक्षा उपलब्ध कराते हैं। मुकेश अम्बानी अपनी सुरक्षा उपलब्ध कराने वाले गार्ड्स के लिए बैरक, क्वार्टर, फंक्शनल किचन और टॉयलेट आदि की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के सिक्योरिटी फ्लीट में रेंज रोवर और मर्सिडीज शामिल हैं। मुकेश अंबानी खुद बुलेट प्रूफ BMW चलते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, Z+ सिक्योरिटी कवर पर लगभग 20 लाख रुपये महीने का खर्च आता है।