इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक लाख रुपये के इनामी महंत मुकेश गिरि को बड़ी राहत देते हुए उसे सशर्त अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है। महंत मुकेश गिरि पर कई गंभीर आरोप हैं, जिसके चलते उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में गहन विचार के बाद जमानत मंजूर की है और कुछ विशेष शर्तें भी लगाई हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा। अग्रिम जमानत का यह आदेश जस्टिस विक्रम डी. चौहान की कोर्ट ने दिया है।
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पहले ही कर दी थी अग्रिम जमानत की याचिका दायर
महंत मुकेश गिरि पर कई गंभीर आरोप हैं। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, जिसके बाद से वो फरार चल चल रहा था। इन आरोपों में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और अन्य गंभीर अपराध शामिल हैं। फरारी के दौरान पुलिस ने उसके खिलाफ कई सबूत जुटाए हैं। हालांकि, महंत ने गिरफ्तारी से पहले ही हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर दी थी।
ये महंत याद है? मुकेश गिरी।
गाजियाबाद में गंगनहर मंदिर के पास महिला चेंजिंग रूम के ऊपर CCTV कैमरा लगवा रखा था।
चेंजिंग रूम में कैमरा लगाकर महिलाओं के नग्न जिस्म को देखता था महंत, विडियो रिकॉर्ड करता था, इसके मोबाइल में मिले थे 200 से भी अधिक महिलाओं के विडियो, ₹50000 का इनामी… pic.twitter.com/fEAJyLkG1w— Ali Sohrab (@007AliSohrab) August 26, 2024
ये है पूरा मामला
मुरादनगर थाने में महंत के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। एक महिला ने एफआईआर में बताया था कि 21 मई 2024 को वह अपनी बेटी के साथ गंगनहर घाट पर बने चेंजिंग रूम में कपड़े बदलने गई थी, जहां सीसीटीवी कैमरा देख वह दंग रह गई। महिला को जब पता चला कि यह कैमरा महंत के मोबाइल से जुड़ा है तो वह उसके पास पहुंची और उससे पूछताछ करने लगी। इस पर महंत ने उसे धमकी दी कि अगर उसने पुलिस से शिकायत की तो अच्छा नहीं होगा। महिला ने हिम्मत दिखाई और मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके बाद महंत फरार हो गया। पुलिस चेंजिंग रूम में पहुंची तो पता चला कि वहां कैमरा लगा हुआ है। जांच में यह भी स्पष्ट हो गया कि कैमरा महंत के मोबाइल से जुड़ा हुआ था।
मोबाइल से 320 वीडियो मिली थीं
पुलिस को उसका सेल फोन उसके घर से मिला था। उसमें महिलाओं के नहाते हुए 320 वीडियो हैं। तब से उसकी तलाश की जा रही है, लेकिन वह पकड़ा नहीं जा सका। सबसे पहले, पुलिस ने घोषणा की कि वे उसे 25,000 डॉलर का इनाम देंगे। फिर इसे बढ़ाकर पचास हजार कर दिया गया। उसे सौ दिनों से अधिक समय तक लापता घोषित किया गया, जिसके बाद इनाम को बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया, बशर्ते कि उसका पता न चल सके।
कोर्ट का निर्णय
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महंत मुकेश गिरि की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत तो दे दी, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। कोर्ट ने निर्देश दिया कि महंत मुकेश गिरि को जांच में पूरा सहयोग करना होगा और जब भी उन्हें जांच के लिए बुलाया जाएगा, उन्हें पेश होना होगा। इसके अलावा उन्हें अपने बयान में कोई तथ्य छिपाने या गुमराह करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। अगर वह इन शर्तों का पालन नहीं करते हैं, तो उनकी जमानत रद्द की जा सकती है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस का कहना है कि वे कोर्ट के आदेश का सम्मान करेंगे और इस मामले में निष्पक्ष जांच जारी रहेगी। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि महंत मुकेश गिरि को जांच के दौरान पूरा सहयोग करना होगा, अन्यथा उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी और उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। पुलिस के मुताबिक इस मामले की गंभीरता को देखते हुए किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।