ट्रांस हिंडन क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) निमिष पाटिल ने निलंबित इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार दीखित की बहाली के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल किया था। इससे नाराज कोर्ट ने इस आदेश की अवहेलना करने पर डीसीपी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की संस्तुति की। वहीं, अपर महाधिवक्ता ने आदेश के अनुपालन के लिए कोर्ट से समय मांगा है। महाधिवक्ता ने आश्वासन दिया है कि डीसीपी निलंबित इंस्पेक्टर की बहाली का आदेश पारित कर कोर्ट में अनुपालन हलफनामा दाखिल करेंगे। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 4 अक्टूबर तक स्थगित करते हुए कहा कि सुनवाई के दौरान डीसीपी निमिष दशरथ पाटिल कोर्ट में मौजूद रहेंगे।
डीसीपी से व्यक्तिगत हलफनामा भी मांगा
यह आदेश मयागमूर्ति जेजे मुनीर की अदालत ने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के निलंबित जितेन्द्र कुमार दीखित की याचिका पर दिया है। इससे पहले अदालत ने याची जितेन्द्र के निलंबन पर रोक लगाते हुए उसे बहाल करने का आदेश दिया था। याची को बहाल कर दिया गया और डीसीपी से व्यक्तिगत हलफनामा भी मांगा गया। डीसीपी की ओर से एक सितंबर को हलफनामा दाखिल किया गया। इसमें कहा गया कि याची को अदालत के आदेश के अनुपालन में बहाल कर दिया गया है।
बहाली का लिखित आदेश नहीं किया गया था पारित
नाराज कोर्ट ने याची द्वारा डीसीपी पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए जिला जज गाजियाबाद की अध्यक्षता में आयोग गठित कर रिपोर्ट तलब की थी। इसमें जिला जज द्वारा पुलिस लाइन के निरीक्षण के दौरान डीएम गाजियाबाद और पुलिस कमिश्नर को भी मौजूद रहने के आदेश दिए गए थे। जिला जज की रिपोर्ट गुरुवार को कोर्ट में पेश की गई। इसमें कोर्ट ने पाया कि हाईकोर्ट के आदेश से निलंबन निरस्त होने के बाद याची से पुलिस लाइन का कार्य कराया जा रहा था, लेकिन आदेश के अनुपालन में बहाली का कोई लिखित आदेश पारित नहीं किया गया। डीसीपी ने याची को बहाल करने के लिए कोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल किया था।
कोर्ट- ‘आदेश की जानबूझकर अवहेलना हुई’
कोर्ट ने इसे हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश की जानबूझकर की गई अवहेलना माना है। कोर्ट ने कहा कि डीसीपी निमिष दशरथ पाटिल का यह आचरण कोर्ट के आदेश की स्पष्ट अवमानना है। कोर्ट इस मामले को अवमानना कार्यवाही के लिए संबंधित बेंच को भेजने के मूड में है। इस बीच, अतिरिक्त महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने याचिकाकर्ता को बहाल करने का आदेश पारित किया और डीसीपी को अनुपालन हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा। इस पर कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।
करोड़ों की चोरी के मामले में हुआ था निलंबन
11 अगस्त को चोरों ने इंदिरापुरम के एक शोरूम से 3 करोड़ रुपए कीमत की 125 घड़ियां चुरा लीं। घटना पुलिस चौकी से 100 मीटर दूर हुई। 12 अगस्त को इंदिरापुरम थाने के इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार दीखित और कनावनी पुलिस चौकी इंचार्ज लाल सिंह को निलंबित कर दिया गया। इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार दीखित ने निलंबन की इस कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने उन्हें बहाल करने का आदेश दिया।
इस आदेश के बावजूद इंस्पेक्टर जितेंद्र ने फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आरोप लगाया कि उन्हें बहाल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है। डीसीपी ने हलफनामा देकर कहा था कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया गया है। याचिकाकर्ता इंस्पेक्टर ने कोर्ट को बताया कि आदेश का पालन नहीं किया गया है। इस पर हाईकोर्ट ने जिला जज को पुलिस लाइन का निरीक्षण करने का आदेश दिया। जिला जज ने लाइन जाकर पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर हाईकोर्ट को भेज दी।
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