यूपी में स्वास्थ्य सेवाएं "राम भरोसे"...जानिए इलाहाबाद HC ने ऐसा क्यों कहा? मेरठ के इस मामले पर लगाई सरकार को जमकर फटकार!

By Ruchi Mehra | Posted on 18th May 2021 | देश
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उत्तर प्रदेश में भले ही कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही हो, लेकिन राज्य के गांव के हालात इस वक्त काफी खराब है। यहां स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में ही कई लोग दम तोड़ रहे है। इसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को फटकार लगाते हुए बड़ी टिप्पणी की। इलाहाबाद HC ने गांव, कस्बों और छोटे शहरों में हालात "राम भरोसे" है। 

मेरठ के इस मामले को उठाया

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मेरठ के एक मामले का भी जिक्र किया। मेरठ मेडिकल कॉलेज में 64 साल के एक बुजुर्ग अस्पताल के बाथरूम में गिरकर बेहोश हो गए। उन्हें होश में लाने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी मौत हो गई। कर्मचारी उनकी पहचान करने में सफल नहीं हुए, इसलिए उनके शव को लावारिस माना गया। शव को एक बैग में पैक करके, उसका निस्तारण कर दिया गया। 

इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर मेरठ जैसे शहर का ऐसा हाल है, तो गांव और छोटे शहरों में तो सबकुछ राम भरोसे ही होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ ऐसा रवैया अपनाते हैं और ड्यूटी में इस तरह की लापरवाही बररते हैं तो ये गंभीर दुराचार का मामला है। भोले-भाले लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है। इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

"पर्याप्त नहीं स्वास्थ्य सुविधाएं"

इसके अलावा पांच जिलों के जिलाधिकारियों ने जो रिपोर्ट पेश की, उसके आधार पर हाईकोर्ट ने हा कि हमें ये बोलने में जरा भी संकोच नहीं कि शहरी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पर्याप्त नहीं है और गांवों के सामुदायिक स्वास्थ्यकेंद्र में जीवन रक्षण उपकरणों की कमी है। 

हाईकोर्ट ने दिए ये सुझाव भी...

सरकार को फटकार लगाने के साथ कोरोना के हालातों पर कंट्रोल पाने के लिए हाईकोर्ट की तरफ से कुछ सुझाव भी दिए गए। हाईकोर्ट ने ग्रामीण इलाकों में टेस्टिंग बढ़ाने और उसमें सुधार करने के निर्देश दिए। साथ में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया। इसके अलावा भी हाईकोर्ट ने कई सुझाव दिए हैं, जानिए इसके बारे में...

- हाईकोर्ट ने कहा कि विभिन्न धार्मिक संगठनों को दान देकर आयकर छूट का लाभ उठाने वाले जो बड़े औद्योगिक घराने है, उनको दान देने को कहा जा सकता है। उनका फंड वैक्सीन खरीदने में लगाया जाएं। 

- हर छोटे शहर में 20 एंबुलेंस का इंतेजाम किया जाए। इसके साथ ही हर गांव में ICU सुविधा वाली 2 एंबुलेंस जरूर हो। 

- HC ने नर्सिंग होम की सुविधाओं को बढ़ाने को भी कहा। कोर्ट ने कहा कि 20 बेड वाले जो नर्सिंग होम हो, उसमें 40 प्रतिशत बेड ICU के जरूर हो। इनमें से 25 फीसदी बेड पर वेंटिलेटर, 50 प्रतिशत पर बाइपेप मशीन और 25 प्रतिशत पर हाई फ्लो नेजल कैनुला की सुविधा हो। 

- वहीं, 30 बेड वाले नर्सिंग होम का अपना ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्लांट रखने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए। 

- कोर्ट ने कहा है कि गोरखपुर, आगरा, कानपुर, प्रयागराज और मेरठ मेडिकल कॉलेजों में चार महीनों के अंदर सुविधाओं को बढ़ाया जाएं। यहां पर सुविधाएं संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट की तरह ही बढ़िया होनी चाहिए। जिसके लिए जरूरी जगह लेने के लिए इमरजेंसी कानून को लागू किया जाए। कोर्ट ने अपने आदेश में साफ तौर पर कहा कि सरकार इस काम को लटकाएं नहीं। मेडिकल कॉलेजों के लिए फंड का इंतेजाम करें और अगली तारीख पर एक पक्की रिपोर्ट पेश कर बताएं कि अगले 4 महीनों में काम कैसे पूरा होगा।1

Ruchi Mehra
Ruchi Mehra
रूचि एक समर्पित लेखक है जो किसी भी विषय पर लिखना पसंद करती है। रूचि पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ, विदेश, राज्य की खबरों पर एक समान पकड़ रखती हैं। रूचि को वेब और टीवी का कुल मिलाकर 3 साल का अनुभव है। रुचि नेड्रिक न्यूज में बतौर लेखक काम करती है।

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